अंडमान और निकोबार द्वीप पर अमेरिकी पर्यटक जॉन ऐलन चाऊ की कथित तौर पर हत्या के बाद पुलिस अभी तक उनकी लाश को बरामद नहीं कर पाई है. दरअसल आदिवासियों से उनकी लाश को हासिल कर पाना इतना आसान नहीं है. पिछले 6 दिनों से पुलिस के लिए यह काम सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. इस काम के लिए फिलहाल अधिकारियों की कई टीमें तलाशी अभियान में जुटी हैं. सूत्रों ने चाऊ की लाश को रेत में गाड़े जाने की आशंका जताई है.
पहले लाश को देखना होगा और फिर उसे हासिल करना पड़ेगा
अंडमान-निकोबार पुलिस के डीजीपी दीपेंद्र पाठक ने न्यूज 18 को बताया- पुलिस के लिए यह चुनौती है. पहले हमें लाश को देखना होगा और फिर उसे हासिल करना पड़ेगा. हम हवाई और पानी के जहाजों से तलाशी कर रहे हैं. हमें अभी उस द्वीप के पास पहुंचना है. पहले हम हालात समझ लें, क्योंकि हम कोई नई समस्या नहीं चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि उन आदिवासियों से लाश को निकालना आसान नहीं है क्योंकि वह लोग अपनी तरह से मरे हुए लोगों का समारोह करते हैं. शायद चाऊ की लाश को कभी न हासिल किया जा सके.
चाऊ ने किराए की नाव लेकर सेंटीनेल द्वीप पर जाने का प्लान बनाया था
पुलिस के अनुसार, 14 नवंबर को चाऊ ने किराए की नाव लेकर कुछ स्थानीय मछुआरों के साथ उत्तरी सेंटीनेल द्वीप पर जाने का प्लान बनाया था. हालांकि अगली सुबह वह डोंगी के सहारे खुद ही उस द्वीप पर पहुंच गए थे. वह उन आदिवासी लोगों के लिए कुछ तोहफे भी लेकर गए थे, जिनमें मछलियां और फुटबॉल शामिल थे. वह उस दिन वहीं रुके, जबकि मछुआरों ने उचित दूरी पर उनकी इंतजार किया. 16 नवंबर की शाम वह जब नाव पर आए, तो मछुआरों ने उन्हें जख्मी हालत में पाया. मछुआरों ने चाऊ को लौटने के लिए कहा मगर उन्होंने इनकार कर दिया. मछुआरों को उन्होंने 13 पेज का एक दस्तावेज दिया और वापस द्वीप पर चले गए.
मछुआरों ने द्वीप के किनारे एक लाश जलती हुई देखी
इसी रिपोर्ट में आगे पुलिस के हवाले से कहा गया है कि अगली सुबह मछुआरों ने द्वीप के किनारे एक लाश जलती हुई देखी जिसके आसपास हल्का कपड़ा भी था. इसे चाउ की लाश ही माना गया. आशंका जताई गई कि तीरों से हमले के बाद उनकी मौत हो गई होगी. माना जा रहा है कि लाश उत्तरी सेंटीनेल द्वीप के किनारे रेत में उस समय आधी धंस गई थी. पुलिस की टीमों के साथ इस दौरान तटरक्षक बल भी रेकी में जुटे हुए हैं. हालांकि वह लोग द्वीप के नजदीक आदिवासियों के हमले की आशंका के कारण नहीं पहुंच पा रहे हैं.
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