सबसे पहले आप सबसे एक सवाल है? आपको क्या लगता है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के दिन पटाखे जलाए जाने पर जो फैसला दिया था, वो क्यों दिया था? क्या सुप्रीम कोर्ट ये चाहता था कि हिंदू अपना त्योहार मजे से न मना पाए? क्या सुप्रीम कोर्ट सिर्फ हिंदुओं के त्योहार को निशाना बनाता है? आप में से कुछ लोगों को ये सवाल जरूर अटपटा लग रहा होगा, लेकिन सिर्फ उन लोगों को जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को समझकर उस आदेश का पालन किया होगा. उन लोगों को नहीं जिन्होंने कोर्ट के आदेश को नजर अंदाज कर दिवाली के दिन जमकर पटाखे फोड़े जिसका नतीजा ये हुआ कि आज ज्यादातर इलाकों में सिर्फ धुआं-धुआं नजर आ हा है.
इसे और कुछ नहीं बल्कि लोगों की जिद ही कह सकते हैं जो सब जानते और समझते हुए भी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ा कर रख दी. पर इन सब में सबसे ज्यादा ताज्जूब तब होता है जब राजनीतिक पार्टी से जुड़ा कोई शख्स लोगों को पटाखे जलाने पर बधाई दे. बीजेपी प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा का इस मामले में बड़ा अटपटा बयान सामने आया है. इनका कहना है कि और कुछ हुआ हो या न हुआ हो, फर्जी झोलाछाप एक्टिविस्टों को देश ने औकात दिखा दी. इससे पहले की हम आपको इनके बयान का मतलब समझाए पहले एक और ट्वीट पढ़वा देते हैं. दूसरे ट्वीट में इन्होंन लोगों को बधाई देते हुए कहा है कि दिल्ली वालों बधाई हो, आपने केवल पटाखे नही जलाए, कुछ और भी जलाया है.
दिल्ली वालों बधाई हो, आपने केवल पटाके नही जलाये, कुछ और भी जलाया है । #JaiShreeRam
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) November 7, 2018
और कुछ हुआ हो न हुआ हो फर्जी झोलाछाप एक्टिविस्टों को देश ने औकात दिखा दी #CrackerBan
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) November 7, 2018
बीजेपी प्रवक्ता के ये ट्वीट्स न सिर्फ उनके जागरूक होने पर सवाल खड़े कर रहे हैं बल्कि ये भी दर्शा रहे हैं कि उन्हें दिन पर दिन बढ़ रहे प्रदूषण से कोई मतलब नहीं है. अपने बयान में बग्गा किसको औकात दिखाने की बात कर रहे हैं? उन्हें जो लोगों से चीख-चीख कर ये अपील कर रहे थे कि आगर आपको अपनी और अपने परिवार की सलामती चाहिए तो ज्यादा पटाखे न जलाए. रोशनियों के त्योहार को रोशनियों से ही मनाएं न की धुएं से. एक बात जो शायद काफी कम लोगों को समझ में आई है वो ये कि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे जलाने पर जो आदेश दिया था या वो लोग जो हमें केवल ग्रीन पटाखे जलाने की सलाह दे रहे थे वो हमारे खिलाफ नहीं लड़ रहे थे बल्कि हमारे लिए लड़ रहे थे. इसलिए लड़ रहे थे ताकि हम खुलकर सांस ले सकें.
तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने पहले भी कुछ कारनामें किए हैं
लेकिन तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अपने बायन से समझदारी की जो मिसाल दी है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. वैसे ये वहीं तेजिंदर पाल सिंह बग्गा हैं जो प्रशांत भूषण के साथ मारपीट कर चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर एक विवादित बयान भी दिया था. इसमें उन्होंने राजीव गांधी को 'फादर ऑफ मॉब लिंचर' करार दिया था. साथ में उन्होंने ये भी कहा था कि 'एक फांसी पर लटकता हुआ स्टैच्यू तो राजीव गांधी का भी बनता है.' बग्गा के इन कारनामों को देखकर उनकी तरफ से दिवाली के एक दिन बाद ऐसे बयान आना अब हैरानी भरा भी नहीं लगता.
वैसे आपको एक बार ये भी बता दे सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के जलाए जाने पर क्या फैसला दिया था और क्यों दिया था.
दिवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे जलाए जाने पर पूरी तरीके बैन नहीं लगाया था, केवल लोगों से ये कहा था कि वे पटाखे 8 से 10 बजे तक के बीच में ही फोड़ और केवल ऐसे पटाखे फोड़े जिससे पर्यावरण को नुकसान न हो. सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश दिन पर दिन बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए आया था. बुधवार को यानी दिवाली के दिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नजरअंदाज कर जमकर पटाखे फोड़ गए. 8 से 10 बजे की समय-सीमा के बाद भी राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में लोग आतिशबाजी करते नजर आए, जिसका नतीजा ये हुआ कि आज ज्यादातर इलकों में सिर्फ धुआं-धुआं नजर आ रहा है.
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