बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जागरण फोरम कार्यक्रम में खुलकर बात की. कार्यक्रम में शाह एनआरसी मुद्दे पर सवाल पूछा क्या कि क्या आप इसे सही मानते हैं?
इसके जवाब में शाह ने कहा कि- 'एनआरसी को सिर्फ बीजेपी के साथ जोड़कर नहीं देखना चाहिए. एनआरसी देश की मूल समस्या के समाधान का एक रास्ता है. ऐसे कैसे चल सकता है कि कोई भी यहां आकर बस जाए. देश ऐसे नहीं चल सकता है. देश के नागरिक हैं उन्हें ही यहां रहना चाहिए. देश की संस्कृति, इतिहास से जिनका जुड़ाव हो उनको ही यहां रहने का अधिकार है. उनका ही इस देश के संसाधनों पर उनका ही अधिकार है.'
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इसके साथ ही शाह ने कहा कि- 'घुसपैठिए देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं. देश की सुरक्षा अगर सुनिश्चित करना है तो घुसपैठ को रोकना पड़ेगा. जो लोग एनआरसी का विरोध कर रहे हैं मैं सभी को कहता हूं कि वो एनआरसी पर अपना स्टैंड सार्वजनिक करें. सिर्फ असम में ही 40 लाख लोग चिन्हित किए गए हैं. सोचिए पूरे देश में कितने लोग होंगे. मेरा और मेरी पार्टी का स्पष्ट मानना है कि उन सभी लोगों को चिन्हित करके देश से बाहर करके देश को सुरक्षित किया जाना चाहिए.'
कश्मीर के रोहिंग्या समस्या के जवाब में अमित शाह ने कहा कि - 'रोहिंग्या समस्या बंगाल से शुरु हुई है. घुसपैठ बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के बॉर्डर से होती है. बॉर्डर पर से घुसपैठ रोके जा सकते हैं लेकिन उसके लिए कठिन रास्ता है. लेकिन उसके रोकने का सरल तरीका यह है कि यहां से डिपोर्ट किए जाते हैं, यहां नागरिक अधिकार नहीं मिलते हैं. यहां नौकरी मिलने में दिक्कत आएगी. यहां राशन मिलने में दिक्कत आएगी. ये मालूम होते ही घुसपैठ रुक जाएगा. लेकिन एनआरसी के माध्यम से रोकना भी एक तरीका है.'
सुनिए अमित शाह ने क्या कहा-
#exclusive भाजपा अध्यक्ष अमित शाह #live बोले, घुसपैठिए देश के हित में नहीं, देश के संसाधनों पर सिर्फ यहाँ के नागरिक का हक़, सुरक्षा का भी ये मामला #NW18 @Sanjaygupta0702 @AmitShahOffice @AmitShah @BJP4India pic.twitter.com/0YESQXehod
— News18 India (@News18India) December 8, 2018
लोगों में अब इतना धैर्य नहीं रहा. जमाना तुरंत का है. एसएमएस और बीबीएम पत्रों के लिए चुनौती बनकर आए. भेजते ही ये फौरन ‘इनबॉक्स’ में टन्न से गिरते हैं.
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अदालत ने मामले में सीबीआई के जरिए गवाहों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए 3, 4 अप्रैल की तारीख तय की.
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