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दृश्यम फिल्म से प्रेरित होकर BJP नेता और उनके बेटों ने कर डाला यह गुनाह

ट्विंकल डागरे कथित तौर पर जगदीश करोतिया के साथ अवैध संबंध में थी, इससे जगदीश करोटिया के परिवार में परेशानी हो रही थी क्योंकि महिला उनके साथ रहना चाहती थी

Updated On: Jan 13, 2019 10:21 AM IST

FP Staff

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दृश्यम फिल्म से प्रेरित होकर BJP नेता और उनके बेटों ने कर डाला यह गुनाह

बीजेपी नेता और उनके तीन बेटों सहित 5 लोगों को शनिवार को दो साल पहले 22 वर्षीय एक महिला की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने दावा किया कि यह साजिश 2015 की बॉलीवुड फिल्म 'दृश्यम' से प्रेरित थी जिसमें अजय देवगन ने अभिनय किया था. न्यूज 18 की खबर के अनुसार इंदौर के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि बीजेपी नेता जगदीश करोतिया उर्फ कल्लू पहलवान (65), उनके तीन बेटे अजय (36), विजय (38), विनय (31) और उनके सहयोगी नीलेश कश्यप (28) को बाणगंगा क्षेत्र की निवासी ट्विंकल डागरे (22) की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.

करोतिया और उनके बेटों ने ट्विंकल डागरे को मारने की साजिश रची थी

उन्होंने कहा कि ट्विंकल डागरे कथित तौर पर जगदीश करोतिया के साथ अवैध संबंध में थी. इससे जगदीश करोटिया के परिवार में परेशानी हो रही थी क्योंकि महिला उनके साथ रहना चाहती थी. मिश्रा ने बताया कि पारिवारिक कलह के कारण, करोतिया और उनके बेटों ने ट्विंकल डागरे को मारने की साजिश रची थी. उन्होंने 16 अक्टूबर 2016 को उसका गला घोंट दिया और बाद में उसके शरीर को जला दिया था. डीआईजी ने कहा कि पुलिस ने उस जगह से एक कंगन और अन्य गहने बरामद किए जहां महिला का शरीर जलाया गया था, जिसके बाद पांचों को गिरफ्तार कर लिया गया.

जब पुलिस ने गड्ढा खोदा तो कुत्ते के अवशेष बरामद हुए थे

उन्होंने कहा- हमें पता चला है कि आरोपियों ने हत्या की योजना बनाने से पहले फिल्म 'दृश्यम' देखी थी. फिल्म के एक दृश्य से प्रेरित होकर उन्होंने एक स्थान पर एक कुत्ते का शव दफनाया. उन्होंने यह शब्द फैलाया कि किसी ने इस गड्ढे में मानव शरीर को दफनाया था. डीआईजी ने बताया कि जब पुलिस ने गड्ढा खोदा तो कुत्ते के अवशेष बरामद हुए थे. उन्होंने पुलिस जांच को गुमराह किया था. मिश्रा ने कहा कि मामले को सुलझाने के लिए एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया गया और गुजरात प्रयोगशाला में करोतिया और उनके दो बेटों पर ब्रेन इलेक्ट्रिकल ऑसिलेशन सिग्नेचर (BEOS) का टेस्ट किया गया.

बीजेपी के पूर्व विधायक के इशारे पर पुलिस संरक्षण दिया गया

उन्होंने दावा किया कि इंदौर में एक आपराधिक घटना में पहली बार बीईओएस टेस्ट किया गया था. बीईओएस प्रोफाइलिंग एक गैर-आक्रामक, पूछताछ का न्यूरो-मनोवैज्ञानिक तकनीक है, जिसे कभी-कभी 'ब्रेन फिंगरप्रिंटिंग' के रूप में संदर्भित किया जाता है, जिसमें इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल आवेगों को हटाकर एक अपराध में एक संदिग्ध की भागीदारी का पता लगाया जाता है. इस बीच मृतक के परिवार ने आरोप लगाया है कि करोतिया को बीजेपी के एक पूर्व विधायक के इशारे पर पुलिस संरक्षण दिया गया था. इस बारे में पूछे जाने पर डीआईजी ने कहा कि पूर्व विधायक की भूमिका के बारे में कोई सबूत नहीं मिला है. आगे की जांच चल रही है.

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