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काश! कोलंबिया क्रैश न करता तो कल्पना आज भी यथार्थ होतीं

1 फरवरी 2003 को कल्पना का यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में कल्पना चावला की मौत हो गई थी

Updated On: Mar 17, 2018 09:17 AM IST

Puneet Saini Puneet Saini
फ़र्स्टपोस्ट हिंदी

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काश! कोलंबिया क्रैश न करता तो कल्पना आज भी यथार्थ होतीं

बहुत कम लोग होते हैं जिनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल होता है. ऐसे लोग जो पथरीले रास्तों को भी ऐसा सुगम बना जाते हैं जिस पर उनके बाद चलने वाले मुसाफिर सफर भी करते हैं दुआएं देते हैं. दुआएं क्यों ? इसलिए क्योंकि जिस हरियाणा से हम अक्सर खाप पंचायत और महिलाओं पर अत्याचार की खबरें ही सुनते हैं. उस राज्य से वो लड़की निकली जिसने अपनी जगह सिर्फ जमीन पर नहीं अंतरिक्ष तक बनाई तो उसके उस राज्य की लड़कियां उसे दुआएं ही तो देंगी कि आपका का नाम तारीख के खत्म होने तक लोगों की जुबां पर बना रहे.

ऐसी ही थीं कल्पना चावला जिन्होंने हरियाणा में लड़कियों के पालन-पोषण के मायने बदल दिए. जहां अभिभावक अपनी बच्चियों को घूंघट में ही देखना पसंद करते थे उन्हीं अभिभावकों ने लड़कियों को अपनी सपनों की उड़ान भरने के लिए भी खुला छोड़ा. आप आज के हरियाणा को देखिए. वहां की लड़कियों के जिंदगी में जो बदलाव आ सका है उसे देखिए...कल्पना जरूर याद आएंगी.

हरियाणा से अंतरिक्ष तक का सफर

अतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला की आज 56वां जन्मतिथि है. उड़नपरी कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था. कल्पना के पिता का नाम बनारसी लाल चावला और मां का नाम संज्योति था. वह सभी बहन-भाइयों में सबसे छोटी थीं. उनकी शुरुआती पढ़ाई हरियाणा में ही हुई. उन्होंने अपनी स्कूल शिक्षा करनाल के टैगोर बाल निकेतन से प्राप्त की. कल्पना से स्कूल में इंजीनियर बनने की ठानी. वह अपने पिता से कई बार अंतरिक्ष में उड़ने की इच्छा जाहिर कर चुकी थीं.

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कल्पना ने 1982 में चंडीगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और आगे की पढ़ाई करने अमेरिका चली गईं. इस बीच 1983 में कल्पना की मुलाकात फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर जीन-पियर हैरिसन से हुई. इसके बाद दोनों शादी के बंधन में बंध गए. 1984 में उन्होंने टेक्सास यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. इसके बाद समय आया कल्पना के सपने साकार होने का बात 1995 की है जब उन्होंने नासा बतौर अंतरिक्ष यात्री जॉइन किया. इसके साथ कल्पना चावला के पास कमर्शियल पायलट लाइसेंस भी थी.

कल्पना अकसर कहा करती थीं 'मैं अंतरिक्ष के लिए बनी हूं.' अंतरिक्ष के लिए कल्पना ने अपनी पहली उड़ान 1998 में भरी. यह उड़ान सफल रही और कल्पना के हौसले को चार चांद लग गए.

अंतरिक्ष की पहली यात्रा के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए और पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं पूरी कीं. इस सफल मिशन के बाद कल्पना का चयन दूसरी स्पेस उड़ान के लिए हो गया. इस क्रू में सात लोगों को स्पेस में जाना था जिसमें कल्पना चावला भी शामिल थीं. इस मिशन में कई बार देरी हुई और फाइनली यह 2003 में लॉन्च हुआ. यह 16 दिवसीय फ्लाइट थी.

- PHOTO TAKEN 27JAN03 - Space Shuttle Columbia Astronaut Kalpana Chawla, looks over a procedures checklist in the SPACEHAB Research Double Module aboard the Space Shuttle Columbia ON January 27, 2003. The NASA lost contact with the shuttle at around 9 a.m./1400 GMT, about 16 minutes before its scheduled landing at Kennedy Space Center. Columbia is NASA's oldest shuttle and first flew in 1981. ? EDITORIAL USE ONLY - PBEAHUORXCP

अंतरिक्ष में कल्पना चावला (फोटो: रॉयटर्स)

जश्न जब मातम में बदला

1 फरवरी 2003 में जब शटल वापस पृथ्वी पर लौट रहा था और उसे कैनेडी स्पेस सेंटर पर उतरना था. सभी तरफ जश्न का माहौल था और पलभर में यह जश्न मातम में बदल गया. वो भी तब जब कल्पना की पृथ्वी से दूरी सिर्फ 16 मिनट की रह गई थी. सभी लोग कल्पना का इंतजार कर रहे थे, लेकिन जब खबर आई तो लोगों के आंखों से आंसू बहने लगे. जैसे ही कोलंबिया ने पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया, वैसे ही उष्मारोधी परतें फट गईं और यान का तापमान बढ़ने से यह हादसा हुआ. इस हादसे में कल्पना समेत सभी अंतरिक्ष यात्रियों की इसमें मौत हो गई.

कल्पना अक्सर अपने पिता से कहा करती थीं 'मैं अंतरिक्ष के लिए बनी हूं.' जाते-जाते भी उन्होंने साबित कर दिया कि वह सच में अंतरिक्ष के लिए ही बनीं थीं. इस साल नासा ने हादसे में मारे गए सभी सात अंतरिक्ष यात्रियों को कोलंबिया स्पेस शटल में सम्मानित भी किया.

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इस हादसे की ध्वनि साफ-साफ टेक्सास में सुनी गई. जानकारी के मुताबिक करीब 84 हजार धमाके की आवाज सुनी गई इसमें छोटे और बड़े धमाके थे. करीब 8 से 4 हजार टुकड़ों में यान बिखर चुका था.

कल्पना चावला के नाम से देश में कई योजनाएं शुरू हुई हैं. हरियाणा सरकार ने करनाल में एक मेडिकल कॉलेज का नाम कल्पना चावल मेडिकल कॉलेज नाम रखा है. इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है.

खबरों के मुताबिक कल्पना चावला के जीनव पर आधारित फिल्म भी बन रही है. इसमें कल्पना चावला का किरदार अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा निभाएंगी. यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिलीज की जाएगी.

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