पटना हाईकोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों के संबंध में बड़ा निर्णय सुनाया है. अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन आवास नहीं मुहैया कराया जाएगा. इसलिए उन्हें मिला सरकारी बंगला खाली करना होगा.
Patna High Court: Former Chief Ministers of the state will not be provided accommodation facilities for lifetime
— ANI (@ANI) February 19, 2019
मंगलवार को हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली करना होगा. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एपी शाही की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. माना जा रहा है कि कोर्ट के इस निर्देश के बाद कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिला सरकारी बंगला छिन जाएगा.
इसके अलावा हाईकोर्ट ने सरकारी बंगले में असीमित खर्च करने की छूट को भी असंवैधानिक (Unconstitutional) घोषित कर दिया है. साथ ही कहा कि जनता के पैसे से अब आराम तलबी नहीं चलेगी.
कोर्ट ने इससे पहले मुख्यमंत्रियों के आजीवन सरकारी बंगले की सुविधा को खत्म करने की याचिका पर सुनवाई कर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एपी शाही की बेंच ने कहा था कि क्यों नहीं यह सारे आवंटन रद्द कर दिए जाएं.
बता दें कि बिहार सरकार की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा, लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, जीतन राम मांझी और सतीश प्रसाद सिंह को उम्र भर के लिए सरकारी आवास और बाकी सुविधाएं मिली हुई हैं.
इससे पहले, पिछले साल (2018) में इलाहाबाद हाईकोर्ट और जबलपुर हाईकोर्ट ने क्रमश: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों के संबंध में भी ऐसा ही आदेश सुनाया था.
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