बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) ने माध्यमिक (मैट्रिक) परीक्षा में परीक्षार्थियों के परीक्षा भवन में जूते-मोजे पहनकर आने पर प्रतिबंधित लगा दिया है. परीक्षा 21 फरवरी से शुरू होगी. बीएसईबी के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि जूते और मोजे नहीं पहनने के निर्देश बिहार में आयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में दिए जाते रहे हैं, जिसे इस वर्ष से माध्यमिक परीक्षा में लागू करने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने कहा कि माध्यमिक परीक्षा 2018 में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा के दिन जूते और मोजे की जगह चप्पल पहनकर आना होगा. आनंद ने कहा कि बीएसईबी द्वारा इस सम्बन्ध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, केंद्राधीक्षक, परीक्षार्थी, अभिभावकों के लिए निर्देश जारी किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि वार्षिक माध्यमिक परीक्षा, 2018 का आयोजन राज्य के 1426 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में आगामी 21 से 28 फरवरी के बीच लगभग 17.70 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे.
बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने बीएसईबी के इस निर्णय को जाएज ठहराते हुए कहा कि यह बहुत अच्छा निर्णय है. उन्होंने कहा कि इस परीक्षा के आयोजन में नियमों का पालन किया जा रहा है. 17 लाख से अधिक परीक्षार्थी इस परीक्षा में भाग ले रहे हैं, ऐसे में सभी के जूते और मोजे खोलकर जांच करना कठिन होगा. वर्मा ने कहा कि इसे गलत नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि ऐसी पद्धति कई अन्य जगहों पर पूर्व से प्रचलन में है.
बिहार विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य अशोक चौधरी ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान अगर समिति का ऐसा निर्णय होता तो निश्चित तौर पर इसका विरोध किया जाता.
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