भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे सेशन कोर्ट ने आनंद तेलतुंबड़े की अग्रिम जमानत रद्द कर दी है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आनंद तेलंतुबड़े के खिलाफ हुई एफआईआर को रद्द करने से मना कर दिया था.
Bhima Koregaon case: Pune Sessions Court has rejected anticipatory bail application of Anand Teltumbde, one of the accused in the case.
— ANI (@ANI) February 1, 2019
आनंद तेलतुंबड़े पर पुणे पुलिस ने माओवादियों से संबंध रखने के आरोप लगाए थे. इस मामले में पुणे पुलिस ने तेलतुंबड़े के गोवा स्थित घर पर छापेमारी भी की थी और उन्हें संदेह के घेरे में रखा था. हालांकि आनंद ने सभी आरोपों से इंकार किया था और दावा किया कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है और उनके पास इसका पर्याप्त सबूत है.
भीमा-कोरेगांव हिंसा की घटना के बाद पूरा महाराष्ट्र अगले 3-4 दिन तक इससे प्रभावित रहा था. इस दौरान सैकड़ों करोड़ रुपए की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था. मामले की जांच कर रही पुणे पुलिस ने अगस्त 2018 में देश के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी कर 5 वामपंथी विचारकों पी.वरवर राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फेरेरा, गौतम नवलखा और वेरनोन गोन्जाल्विस को गिरफ्तार किया था.
पुणे पुलिस का आरोप है कि इन पांचों ने एल्गार परिषद सम्मेलन में सहायता की थी जिसके बाद हिंसा फैली. इन गिरफ्तारियों ने देश की राजनीति में उबाल ला दिया था. विपक्षी पार्टियों ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर अनुसूचित जाति को निशाना बनाने का आरोप लगाया.
पकड़े गए वामपंथी विचारकों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल सुनवाई चल रही है.
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