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भीमा कोरेगांव हिंसा: पूछताछ के लिए जिग्नेश मेवाणी को समन भेज सकती है पुणे पुलिस

पुणे के जॉइंट पुलिस कमिश्नर ने कहा कि रोना विल्सन के घर से हमे पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क और अन्य कुछ दस्तावेज मिले हैं जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया हैं

Updated On: Jun 07, 2018 07:26 PM IST

FP Staff

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भीमा कोरेगांव हिंसा: पूछताछ के लिए जिग्नेश मेवाणी को समन भेज सकती है पुणे पुलिस

भीमा कोरेगांव मामले में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पुणे के जॉइंट पुलिस कमिश्नर रविंद्र कदम ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो पूछताछ के लिए गुजरात के बडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी को समन भेज सकते हैं.

इसके साथ ही मामले में नक्सलियों के साथ कनेक्शन के शक में रोना विल्सन और सुधीर की गिरफ्तारी पर बात करते हुए कदम ने कहा किरोना विल्सन के घर से हमे पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क और उन्य कुछ दस्तावेज मिले हैं जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया हैं. उन्होने कहा कि हमे खबर मिली है कि रोना विल्सन और सुधीर के नक्सलियों के साथ संबंध हैं.

रोना विलिसन के घर छापेमारी के वक्त पुलिस के हाथ एक लेटर भी लगा है जिसमें कांग्रेस के साथ विल्सन के तार जुड़े होने की बात की गई है. इस मामले में बात करते हुए कदम ने कहा कि लेटर में मिली जानकारी कितनी सच है और कितनी गलत ये तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा.

इसके साथ ही कदम ने बताया कि एल्गार परिषद के आयोजन में कई लोगों की अहम भूमिका थी. मगर इनमे से सभी लोगों का नक्सलियों के साथ संबंध नही हैं

बुधवार को हुई थी गिरफ्तार 

बता दें पुणे पुलिस ने बुधवार को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नक्सलियों से कथित तौर पर जुड़ाव के लिए मुंबई, नागपुर और दिल्ली से नामी दलित कार्यकर्ता सुधीर धावले सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था

पुणे पुलिस के सूत्रों के मुताबिक बुधवार को सुबह एक साथ कई छापे के दौरान धावले को मुंबई में उनके घर से गिरफ्तार किया गया, वकील सुरेंद्र गाडलिंग, एक्टिविस्ट महेश राउत और शोमा सेन को नागपुर से और रोना विल्सन को दिल्ली में मुनिरका स्थित उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया.

1 जनवरी को कैसे भड़की थी हिंसा?

धावले एल्गार परिषद के आयोजकों में थे. शनिवारवडा में 31 दिसंबर को भीमा कोरेगांव लड़ाई के 200 साल पूरे होने के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. विश्रामबाग थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक कबीर कला मंच के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए थे जिसके कारण जिले के कोरेगांव भीमा में हिंसा हुई.

(भाषा से इनपुट)

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