सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को भीमा कोरेगांव मामले में सुनवाई हुई थी. अदालत ने पांचों सामाजिक कार्यकर्ताओं की नजरबंदी एक दिन के लिए बढ़ा दी थी. गुरुवार को सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पांचों कार्यकर्ताओं के पक्ष में दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इन कार्यकर्ताओं के पक्ष में रोमिला थापर ने याचिका दायर की थी. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सोमवार तक अपने लिखित नोट जमा करने को कहा है.
#BhimaKoregaon case: Supreme Court reserves its order on the petitions filed by Romila Thapar and others challenging the arrest of activists. The court has also asked parties to file their written notes by Monday.
— ANI (@ANI) September 20, 2018
सरकार की तरफ से हरीश साल्वे और कार्यकर्ताओं की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं. बुधवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, हम पुलिस की तरफ से पेश किए गए सारे सबूतों को बारिकी से देखेंगे. पांच कार्यकर्ताओं के खिलाफ विरोध जताने के लिए कोर्ट के पास पुख्ता सबूत होने चाहिए. पुलिस ने कार्यकतर्ताओं के खिलाफ मिले सारे सबूत कोर्ट के सामने पेश किए. कोर्ट इन सबूतों की बारिकी से जांच कर रही है. माना जा रहा है कि गुरुवार को कोर्ट इस मामले में कोई फैसला सुना सकती है.
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