live
S M L

'रेपिस्तान' विवाद: अफसरों के बोलने की आजादी पर लगे बैन पर बहस होनी चाहिए

फैसल ने फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत के दौरान कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार का ये नोटिस लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा के खिलाफ उठाया गया कदम है

Updated On: Jul 11, 2018 12:02 PM IST

FP Staff

0
'रेपिस्तान' विवाद: अफसरों के बोलने की आजादी पर लगे बैन पर बहस होनी चाहिए

रेपिस्तान वाले ट्वीट पर जम्मू कश्मीर सरकार की तरफ से जारी हुए नोटिस के बाद शाह फैसल ने इस मामले में अपनी सफाई पेश की है. फैसल ने फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत के दौरान कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार का ये नोटिस लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ उठाया गया कदम है.

उन्होंने कहा 'हम यहां केवल लिखकर हवा में उड़ा देने वाले लोग नहीं हैं, जिनके पास सामाजिक मुद्दों पर बहस करने का अधिकार ही न हो. और वो भी केवल इसलिए की कहीं हमारे विचारों का गलत मतलब निकाल कर उन्हें सरकार की आलोचना के रूप में न लिया जाए.'

उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि सराकरी कर्मचारियों के भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक बहस का मुद्दा बन गया है. नई पीढ़ी की सोच और जज्बे को ध्यान में रखते हुए नियमों में बदलाव किया जाना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि सरकार की ये कार्रवाई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध है.

2010 में टॉप कर रचा था इतिहास

2010 में इतिहास रचने वाले शाह फैसल जम्मू कश्मीर से एकमात्र ऐसे अधिकारी थे, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के सिविल सर्विस परीक्षा में टॉप किया था. फैसल फिलहाल हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडवर्ड एस मेसन मिड कैरियर मास्टर्स प्रोग्राम की पढ़ाई कर रहे हैं.

इसी के साथ फैसल जम्मू-कश्मीर पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं.  हालांकि ये विवाद फैसल के लिए कोई नया नहीं है. फैसल इससे पहले भी कई बार विवादों में रह चुके हैं.

क्या है पूरा मामला

दरअसल रेप कल्चर को लेकर ट्वीट करने वाले जम्मू कश्मीर के पहले आईएएस टॉपर शाह फैसल के खिलाफ जम्मू कश्मीर सरकार ने नोटिस जारी किया है. केंद्र सरकार ने राज्यपाल एन एन वोहरा के नेत्तृव वाली जम्मू कश्मीर सरकार को फैसल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए कहा था. इसके बाद ही राज्य सरकार ने नोटिस जारी किया.

नोटिस जारी होने के बाद फैसल ने ट्वीट कर कहा था दक्षिण एशिया में बलात्कार के चलन के खिलाफ मेरे व्यंग्यात्मक ट्वीट के एवज में मुझे मेरे बॉस से प्रेम पत्र (नोटिस) मिला.

उधर जम्मू कश्मीर के लोग भी सोशल मीडिया पर सरकार के इस फैसले के खिलाफ अब आवाज उठा रहे हैं. कई लोगों ने कहा है कि नौकरशाहों को सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने के चलते दंड दिया जा रहा है.

इसके बाद जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जेएनयू की स्टूडेंट लीडर शेहला रशीद जैसे लोग भी फैसल के समर्थन में आगे आए और ट्वीट किया.

'रेपिस्तान' को लेकर  शाह फैसल का ट्वीट

शाह फैसल ने भारत के रेप कल्चर की व्याख्या करते हुए रेपिस्तान का मतलब समझाया था. उन्होंने कहा था जनसंख्या + पितृसत्ता + निरक्षरता + शराब + पॉर्न + तकनीक + अराजकता = रेपिस्तान.

इस ट्वीट के बाद सरकार ने नोटिस जारी कर कहा, आप कथित रूप से आधिकारिक कर्तव्य निभाने के दौरान पूर्ण ईमानदारी और सत्यनिष्ठा का पालन करने में असफल रहे हैं, जो एक लोक सेवक के लिए उचित व्यवहार नहीं है.

(समीर यासिर की शाह फैसल से हुई ईमेल पर बातचीत पर आधारित रिपोर्ट)

0

अन्य बड़ी खबरें

वीडियो
KUMBH: IT's MORE THAN A MELA

क्रिकेट स्कोर्स और भी

Firstpost Hindi