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अयोध्या विवादः CJI ने कहा नहीं सुनेंगे धार्मिक-राजनीतिक तर्कों को

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड की याचिका को खारिज कर दिया. बोर्ड का कहना था कि लोकसभा चुनाव के बाद इस मामले का निपटारा होना चाहिए

Updated On: Feb 08, 2018 05:49 PM IST

FP Staff

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अयोध्या विवादः CJI ने कहा नहीं सुनेंगे धार्मिक-राजनीतिक तर्कों को

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा है कि वह अयोध्या मामले में सुनवाई के दौरान किसी तरह के राजनीतिक या धार्मिक तर्कों को नहीं सुनेंगे. गुरूवार को इस मामले की सुनवाई शुरू की. मामले की अगली सुनवाई अब 14 मार्च को होने जा रही है.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि गरीब नागरिक न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इस मामले में 700 याचिकाएं दाखिल की जा चुकी है. 'कुछ घंटों लगा कर सभी इन मामलों को निपटाया जा सकता है. बहस के दौरान गीता और रामायण सहित 87 अन्य साक्षों को पेश किया गया. लेकिन अधूरे दस्तावेज के कारण सुनवाई आगे टल गई.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड की याचिका को खारिज कर दिया. बोर्ड का कहना था कि लोकसभा चुनाव के बाद इस मामले का निपटारा होना चाहिए. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन और दुष्यंत दवे उपस्थित थे. वो ये भी चाहते थे कि पांच जजों की बेंच मामले की सुनवाई करे.

हरीश साल्वे के मुताबिक कोर्ट के लिए सिर्फ यह एक मामला है 

कपिल सिब्बल ने कहा था कि इस फैसले का असर आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान देश की राजनीति पर पड़ सकता है. वही दूसरी तरफ के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि कोर्ट के लिए यह सिर्फ केवल एक मामला है. इसके अलावा कुछ नहीं.

इधर आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर भी मामले को सुलझाने के लिए एकबार फिर आगे आए हैं. गुरूवार को उन्होंने बेंगलुरू में मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की.

इस मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अगली सुनवाई के बाद शायद सुप्रीम कोर्ट डे-टू-डे सुनवाई प्रक्रिया की तरफ जाए.

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