पिछले साल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों ने सेना के एक जवान औरंगजेब को अगवा कर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी थी. अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है. आर्मी ने 44 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवानों को इस मामले में कथित संलिप्तता के आरोप में हिरासत में ले लिया है. इन पर आरोप है कि ये लोग अपने साथी औरंगजेब की हत्या और अपहरण में कथित तौर पर शामिल थे.
न्यूज-18 की खबर के मुताबिक, इन तीनों ने औरंगजेब से जुड़ी जानकारियां आतंकवादियों को दी थी. इन्हीं जानकारियों के आधार पर औरंगजेब को घर जाते वक्त आतंकवादी अगवा करने में कामयाब हुए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों की पहचान आबिद वानी, तजामुल अहमद और आदिल वानी के रूप में हुई है. इनमें से दो पुलवामा और एक कुलगाम का रहने वाला है. इनकी भूमिका के बारे में तब पता चला जब औरंगजेब की हत्या की जांच चल रही थी.
44 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान औरंगजेब को पिछले साल जून में आतंकवादियों ने उस वक्त अगवा कर लिया था जब वे ईद के लिए अपने घर जा रहे थे. अगवा करने के बाद औरंगजेब की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. वे मेजर रोहित शुक्ला की टीम में शामिल थे, जिस टीम ने हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी समीर टाइगर को मौत के घाट उतार दिया था.
औरंगजेब की हत्या इतनी क्रूरता से की गई थी कि इसने सभी को चौंका दिया था और हजारों लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे. उन्हें पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था. दो दिन पहले ही उनके पिता जम्मू की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हुए थे.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
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