भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का समाधि स्थल 25 दिसंबर को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. अटल जी की समाधि के चारों तरफ कमल के फूल की आकृतियां बनाई गई हैं और बीच में दीपक की शक्ल है. वाजपेयी जी की यात्रा दीपक से कमल तक की थी और यह समाधि इसी का प्रतिबिंब नजर आ रहा है. सबसे खास बात यह है कि इस शिलालेख पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अटली जी का परिचय लिखा है.
ऐसा कहा जा रहा है कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में ही अटल जी की समाधि का पूरा डिजाइन तैयार किया गया है. अटल जी की समाधि स्थल की पूरी कल्पना पीएम मोदी की है. शिलालेख में लगने वाले पत्थर से लेकर अटल जी की कविताओं का संग्रह भी मोदी की पसंद है. समाधि स्थल के चारों तरफ बनाई गई तीन मीटर ऊंची-ऊची दीवारों पर वाजपेयी जी की कविताएं लिखी गई हैं.
पीएम मोदी करेंगे देश को समर्पित
अटल जी समाधि स्थल की परिकल्पानएं भी पीएम मोदी के दिशा-निर्देश में ही तैयार हुआ है. ऐसा कहा जा रहा है कि अटल समाधि स्थल को लेकर एक-एक चीज पीएम मोदी ने तय की है. अटल बिहारी वाजपयी की समाधि स्थल का नाम ‘सदैव अटल’ जो रखा गया है वह भी पीएम मोदी ने ही तय किया है.
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि स्थल रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हो गई है. 25 दिसंबर को देश के प्रधानमंत्री मोदी के श्रद्धांजलि देने के साथ ही यह स्थल आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा.
अटल न्यास बोर्ड में कौन-कौन लोग रहेंगे और उनका पद क्या होगा ये सारी चीजें भी पीएम मोदी के दिशा-निर्देश में ही तय हुई हैं. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय अटल न्यास के सेक्रेटरी ट्रेजरार बनाए गए हैं. बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय कुमार मल्होत्रा अटल न्यास के अध्यक्ष और बीजेपी नेता रामलाल सहित देश के कुछ राज्यों के राज्यपालों को इस न्यास बोर्ड का सदस्य बनाया गया है.
सीपीडब्लूडी ने अटल जी की समाधि स्थल को रिकॉर्ड समय में बनाकर तैयार कर दिया है. ऐसा कहा जा रहा है कि अटल जी की समाधि को एक ही पत्थर से तैयार किया गया है. देश में दूसरे महापुरुषों की समाधि स्थलों में एक से ज्यादा पत्थर के टुकड़े लगे हैं, लेकिन अटल जी की समाधि में सिर्फ एक ही पत्थर लगा है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि हजारों साल तक उस पत्थर को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंच सकता.
अटल जी की समाधि स्थल को कमल के फूल का आकार दिया गया है. यहां लगाए गए पत्थरों में कमल की पंखुड़ियों का डिजाइन बनाया गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि इस समाधि स्थल के निर्माण में 150 क्विंटल ग्रेनाइट लगे हैं. इसके प्रवेश द्वार पर ‘सदैव अटल’ लिखा गया है. काले रंग की ग्रेनाइट से बनी समाधि के चारों तरफ दुधिया रंग की इटैलियन टाइलें लगाई गई हैं.
अटल जी के लिए लोग होंगे एकत्रित
16 अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया था. 25 दिसंबर को बीजेपी ने उनके जन्मदिन के मौके पर देश के 543 लोकसभा सीटों पर श्रद्धांजलि समारोह आयोजित करने जा रही हैं. इस दिन पीएम मोदी ने निर्देश दिया है कि सभी सांसद अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में अटली की श्रद्धाजंलि समारोह आयोजन में जरूर भाग लें और अटल जी के विचारों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का काम करें.
कुलमिलाकर बीजेपी अपने पार्टी के शिखर पुरुष और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भव्य स्मारक बनाकर साल 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लाभ लेना चाहेगी. जानकारों का मानना है कि राजघाट के ठीक बगल में अटल समाधि के रूप में बीजेपी का अपना एक राजघाट हो जाएगा. राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर बनने वाली अटल जी समाधि उनसे जुड़ी स्मृतियों का एक अहम स्थल बन जाएगा. ये भी कहा जा रहा है कि 26 जनवरी 2019 को गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि राजघाट पर बापू को श्रद्धांजलि देने के बाद अटल जी की समाधि स्थल पर भी जा सकते हैं. आगामी 25 दिसंबर को वाजपेयी जी की 94वें जन्मदिन के मौके पर यह देश को समर्पित कर दी जाएगी.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.