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असम: ULFA हमले में मारे गए युवकों के परिजनों से मिले TMC नेता, दिया मुआवजा

पिछले गुरुवार को तिनसुकिया में बंगाली भाषी 5 युवकों की प्रतिबंधित उल्फा संगठन के हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी

Updated On: Nov 04, 2018 01:04 PM IST

FP Staff

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असम: ULFA हमले में मारे गए युवकों के परिजनों से मिले TMC नेता, दिया मुआवजा

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को असम के तिनसुकिया जिला पहुंचकर पिछले हफ्ते उल्फा उग्रवादी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की है. टीएमसी संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन के नेतृत्व में ममता बाला ठाकुर, नदीमुल हक और महुआ मोइत्र ने मारे गए पांचों युवकों के परिवारवालों से मुलाकात की.

प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी की ओर से पीड़ित परिवारवालों को एक-एक लाख रुपए की मुआवजा राशि दी.

शनिवार को बंद के दौरान 700 लोग को हिरासत में लिया गया

शनिवार को इस घटना के विरोध में विपक्षी पार्टियों ने 12 घंटे का असम बंद बुलाया था. इस दौरान बंद समर्थक 700 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. बंद के दौरान राज्य के कुछ जिलों में प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों पर धरना दिया. साथ ही गाड़ियों पर भी पथराव किया और सड़कों पर टायर जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया.

क्या है पूरा मामला?

पिछले हफ्ते गुरुवार को 5 बांग्ला भाषी युवकों की यहां गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी. इस हत्याकांड को उल्‍फा (आई) के उग्रवादियों ने अंजाम दिया था. हालांकि उल्फा ने इससे इनकार किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मारे गए पांचों युवक बंगाली मूल के थे.

दरअसल, यह पांचों एक दुकान में बैठे हुए थे. तभी अलगाववादी संगठन के कुछ हथियारबंद लोग वहां आए और वो उन युवकों को वहां से ब्र‍ह्मपुत्र नदी के किनारे ले गए. जहां एक लाइन में खड़ा कर पांचों युवकों की हत्या कर दी. अधिकारियों ने इस मामले को लेकर बताया कि संदिग्‍ध आतंकियों ने युवकों को पहले एक लाइन में खड़ा किया. घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया.

ममता बनर्जी ने क्या कहा?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने इन हत्‍याकांड की घोर निंदा की. उन्‍होंने इन हत्‍याओं को एनआरसी से जोड़ा. ममता ने ट्वीट किया, 'असम से बुरी खबर आ रही है. हम तिनसुकिया में हुए बर्बर हमले की निंदा करते हैं. क्‍या यह एनआरसी का नतीजा है? शोकसंतप्‍त परिवारों के प्रति दुख जताने के लिए हमारे पास कोई शब्‍द नहीं है. दोषियों को जल्‍द से जल्‍द सजा दी जानी चाहिए.'

(भाषा से इनपुट)

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