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अब केजरीवाल तय करेंगे कि दिल्ली की शादियों में कितने मेहमान आएंगे!

विजय देव ने कहा कि राजधानी में अमीरों और गरीबों की आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाए रखा जाना चाहिए

Updated On: Dec 12, 2018 04:51 PM IST

FP Staff

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अब केजरीवाल तय करेंगे कि दिल्ली की शादियों में कितने मेहमान आएंगे!

दिल्ली सरकार अब राजधानी में होने वाली भारी भरकम शादियों और बड़े-बड़े समारोहों में कितने मेहमानों को बुलाना है यह तय कर सकती है. दिल्ली सरकार उन मेहमानों की संख्या को सीमित करने के लिए नीति तैयारी कर रही है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के मुख्य सचिव ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कहा कि भोजन की बर्बादी और ट्रैफिक की समस्या से निजात पाने के लिए सरकार मेहमानों की संख्या सीमित करने की नीति लागू करना चाहती है.

न्यूज18 की खबर के मुताबिक शादी और पार्टी जैसे समारोहों में भोजन और पानी की भारी बर्बादी पर ध्यान देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पानी की कमी के चलते ऐसी बर्बादी अस्वीकार्य है. कोर्ट ने राजधानी में भुखमरी से होने वाली मौतों का भी जिक्र किया.

अमीर और गरीब की आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनान जरूरी

जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस दीपक गुप्ता, और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच के समक्ष दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव ने कहा कि सरकार ने कोर्ट की चिंता पर ध्यान दिया है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि राजधानी में अमीरों और गरीबों की आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाए रखा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कुछ विकल्पों पर चर्चा की जा रही है और दो-स्तरीय रणनीति को भी सक्रिय रूप से तैयार जा रहा है. ताकि भोजन की उपलब्धता और समारोहों पर मेहमानों की संख्या सीमित की जा सके. गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के माध्यम से भी गरीबों तक अतिरिक्त भोजन पहुंचाने की व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की गई है.

मुख्य सचिव ने कहा कि मोटल, फार्म हाउस और शहर के आसपास के होटलों के प्रबंधन के छह हफ्तों के भीतर एक नीति तैयार की जा सकती है. इसके बाद अदालत ने दिल्ली के एलजी और मुख्य सचिव को पॉलिसी तैयार करने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया है.

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