आरुषि हेमराज मर्डर केस में एक नया मोड़ आ गया है. राजेश तलवार और नुपूर तलवार को बरी किए जाने के 90 दिन बाद भी सीबीआई इस फैसले के खिलाफ अपील नहीं कर पाई है.
CBI has not appealed against Allahabad HC's order that acquitted Rajesh and Nupur Talwar in Aarushi-Hemraj Murder Case, the agency had 90 days to appeal but the top officials are yet to take a call on it: CBI Sources
— ANI (@ANI) February 2, 2018
आरुषि के माता-पिता को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया था. यह जानकारी सीबीआई के एक सूत्र ने दी.
कई सवालों के नहीं मिले जवाब
इलाहाबाद हाइकोर्ट ने इस हत्या मामले में तलवार दंपति को बरी तो कर दिया लेकिन कई सवालों के जवाब अब भी नहीं मिल पाए हैं.
16 मई 2008 की सुबह जब नोएडा के जलवायु विहार के L-32 फ्लैट में आरुषि का लाश मिली थी, उस वक्त हत्या का शक तलवार दंपति के गायब नौकर हेमराज पर था. लेकिन अगले ही दिन इसी फ्लैट की छत पर हेमराज की भी लाश मिली. इसके बाद ये डबल मर्डर की मिस्ट्री उलझती ही गई.
मौत के वक्त 14 साल की रही आरुषि की हत्या अगर आज भी हमारे देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री बनी हुई है तो इसकी जिम्मेदारी जांच एजेंसियों और खासतौर से सीबीआई के ऊपर ही है. सीबीआई को दोनों टीमों की अलग-अलग जांच की लाइन और उसके अधिकारियों की आपसी खींचतान के चलते यह केस इतना उलझ गया कि एक ही जांच एजेंसी ने इस मामले की तफ्तीश में दो अगल-अलग थ्योरी पेश कर दी.
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