सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में हुए सपा-बसपा गठबंधन के बारे में कहा कि पूरी कवायद बहुत पहले से चल रही थी, अब जब यह हो गया है तो मायावती और अखिलेश यादव दोनों ही बधाई के पात्र हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सपा-बसपा के कार्यकर्ताओं में तालमेल बैठाना दोनों ही नेताओं के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.
न्यूज18 से एक्सक्लूसिव बातचीत में अपर्णा यादव ने कहा, 'सपा-बसपा के बीच गठबंधन को लेकर काफी दिनों से कयास लगाए जा रहे थे. अब जब गठबंधन हो गया है तो दोनों ही दलों के नेताओं के लिए कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य बैठाना एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि ऐसी भी ख़बरें आईं जब सपा-बसपा कार्यकर्ताओं में टकराव की बात सामने आई.
इसके बाद अखिलेश जी को कहना पड़ा कि मायावती का नाम पहले आएगा, उसके बाद उनका नाम लिया जाएगा, तो मैं समझती हूं कि यह एक चुनौती होगी. मैं चाहती हूं कि दोनों ही दल मजबूती से चुनाव लड़ें क्योंकि वे 2019 में एक नया मुकाम हासिल कर सकते हैं.'
गठबंधन बीजेपी के लिए चुनौती
अपर्णा यादव ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सामने गठबंधन एक बड़ी चुनौती होगी. लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर अपर्णा यादव ने कहा, 'अभी मैं यह नहीं कह सकती कि मैं चुनाव लडूंगी या नहीं.
मेरे पॉलिटिकल गुरु नेताजी (मुलायम सिंह यादव) हैं और मुझे उनसे हमेशा प्रेरणा मिलती रही है. लोहिया जी के बाद वर्तमान में मुलायम सिंह यादव सबसे बड़े समाजवादी नेता हैं. नेताजी जो भी तय करेंगे मैं वही करूंगी.'
बीजेपी से टिकट का ऑफर मिलने के सवाल पर अपर्णा ने कहा, " हमें भविष्य में नहीं जीना चाहिए. हमें वर्तमान में जीना चाहिए. मैं नहीं कह सकती कि भविष्य में क्या होगा.'
'चाचा शिवपाल पहुंचाएंगे कुछ नुकसान'
शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) गठबंधन के लिए कितनी बड़ी चुनौती है, इस सवाल के जवाब में अपर्णा यादव ने कहा, 'जब चाचाजी समाजवादी पार्टी में थे तो वे पार्टी के एक बड़े चेहरे थे, लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी बनी कि उन्हें मजबूरी में एक नई पार्टी बनानी पड़ी. वह निश्चित रूप से कुछ वोट काटेंगे क्योंकि उनकी एक अच्छी पकड़ है.'
राम मंदिर मामले का जल्द निपटारा करे सुप्रीम कोर्ट
राम मंदिर मुद्दे को चुनाव में राजनीतिक रंग देने के सवाल में अपर्णा ने कहा, 'मैं तो चाहती हूं कि इस मुद्दे पर जो भी कुछ होना है, चाहे वह मस्जिद बने या फिर मंदिर बने, सुप्रीम कोर्ट इस पर जल्द निर्णय ले. इस मुद्दे पर राजनीतिक दल कई सालों से सियासत कर रहे हैं.
भगवान, ईश्वर, अल्लाह ये सभी आस्था के विषय हैं. हमारा जो देश है वह वैश्विक रूप से संस्कारी देश हैं. विश्व में इसकी छवि धर्मनिरपेक्षता की है क्योंकि चुनाव है तो इस पर सियासत हो, यह अनुचित है. सुप्रीम कोर्ट को इस पर तुरंत निर्णय लेकर मामले का निपटारा करना चाहिए.' अपर्णा यादव ने यह भी बताया कि वह 24 जनवरी को प्रयागराज कुंभ जाएंगी. उससे पहले 22 जनवरी को वह गोरखपुर जा रही हैं.
(न्यूज18 के लिए अमित तिवारी की रिपोर्ट)
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