दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से तुरंत हटाने की मांग को खारिज कर दिया है. पिछले साल फरवरी में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई मारपीट मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद अरविंद केजरीवाल को तत्काल उनके पद से हटाने की मांग की गई थी.
पिछले साल दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश से सीएम आवास पर मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी.
दिल्ली पुलिस की इस चार्जशीट में केजरीवाल और सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी (आप) के 11 विधायकों को भी आरोपी बनाया गया है. पूरे मामले में अरविंद केजरीवाल के पूर्व सलाहकार रहे वी.के जैन को मुख्य सरकारी गवाह बनाया गया है.
पिछले वर्ष 18 मई को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में केजरीवाल से भी अलग से 3 घंटे से ज्यादा पूछताछ की थी.
केजरीवाल की मौजूदगी में बैठक में हुई थी मारपीट और बदसलूकी
बता दें कि दिल्ली के तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी (मुख्य सचिव) अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि 19-20 फरवरी, 2018 की दरम्यानी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बुलाई गई बैठक में उनके साथ आप के विधायकों ने मारपीट और बदसलूकी की थी.
इस घटना के बाद अंशु प्रकाश एक हफ्ते भर की मेडिकल लीव पर चले गए थे.
दिल्ली पुलिस ने अंशु प्रकाश की शिकायत पर इस मामले में आप के 2 विधायकों प्रकाश जरवाल और अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में दोनों को जमानत दे दी गई थी. इस मामले में केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वी के जैन से भी पूछताछ की गई थी.
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