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सुप्रीम कोर्ट में एरिक्सन- अनिल अंबानी के पास राफेल में निवेश करने के लिए पैसा है, हमें देने के लिए नहीं

दूरसंचार उपकरण निर्माता कंपनी एरिक्सन इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया कि रिलायंस समूह के पास राफेल जेट सौदे में निवेश के लिए पैसा है लेकिन वह उनका 550 करोड़ रुपए का बकाया चुकाने में असमर्थ है

Updated On: Feb 14, 2019 10:37 AM IST

Bhasha

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सुप्रीम कोर्ट में एरिक्सन- अनिल अंबानी के पास राफेल में निवेश करने के लिए पैसा है, हमें देने के लिए नहीं

दूरसंचार उपकरण निर्माता कंपनी एरिक्सन इंडिया ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया कि रिलायंस समूह के पास राफेल जेट सौदे में निवेश के लिए पैसा है लेकिन वह उनका 550 करोड़ रुपए का बकाया चुकाने में असमर्थ है, हालांकि अनिल अंबानी समूह ने एरिक्सन के इस आरोप को तुरंत खारिज कर दिया.

अनिल अंबानी ने शीर्ष अदालत में कहा कि बड़े भाई मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो के साथ उनकी संपत्ति बिक्री का सौदा पूरा नहीं हो पाने की वजह से उनकी कंपनी दिवाला प्रक्रिया में चली गई जिससे अब धन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है.

अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने कोर्ट से कहा कि उन्होंने एरिक्सन का बकाया चुकाने के लिए आकाश-पताल एक कर दिया लेकिन जियो के साथ संपत्ति बिक्री सौदा पूरा नहीं हो पाने की वजह से वह इसमें असफल रही.

सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अंबानी और दो अन्य के खिलाफ 550 करोड़ रुपए की बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के कारण उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिए एरिक्सन इंडिया की याचिका पर बुधवार को सुनवाई पूरी कर ली. कोर्ट इस पर बाद में फैसला सुनाएगा. जस्टिस आरएफ नरिमन और जस्टिस विनीत शरण की पीठ ने संबंधित पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा.

कोर्ट के आदेश की जानबूझ कर अवहेलना की गई है

इस मामले की सुनवाई के दौरान एरिक्सन इंडिया की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश की जानबूझ कर अवहेलना की गई है और इसके लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए.

आरकॉम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इसमें अवमानना कार्रवाई का कोई मामला नहीं बनता क्योंकि शीर्ष अदालत के किसी आदेश का उल्लंघन नहीं किया गया है.

अनिल अंबानी, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड के चेयरमैन सतीश सेठ और रिलायंस इंफ्राटेल लि की चेयरपर्सन छाया विरानी इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थे.

Anil Ambani

अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी

कोर्ट ने पिछले साल 23 अक्टूबर को आरकॉम से कहा था कि वह 15 दिसंबर, 2018 तक बकाया राशि का भुगतान करे और ऐसा नहीं करने पर उसे 12 फीसदी सालाना की दर से ब्याज भी देना होगा.

एरिक्सन ने अनिल अंबानी और दो अन्य के खिलाफ अवमानना कार्रवाई करने का अनुरोध करते हुए याचिका में दावा किया कि उन्होंने 15 दिसंबर, 2018 तक बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है.

अनिल अंबानी ने कोर्ट को गलत जानकारी दी

इससे पहले, मंगलवार को दवे ने शीर्ष अदालत से कहा था कि रिलायंस ने कई बार कोर्ट की अवमानना की है और उन्होंने खुद में बदलाव नहीं किया है. उन्होंने कहा था कि आरकॉम ने शीर्ष अदालत के दो आदेशों का उल्लंघन किया है ओर यहां तक कि शपथ के तहत सूचना छिपाते हुए गलत जानकारी दी.

रोहतगी ने कहा कि संचार कंपनी की 25,000 करोड़ रुपए की संपत्ति रिलायंस जियो को बेचने का सौदा विफल हो गया और अब वे दिवालिया स्थिति में हैं. दवे ने दावा किया कि बंबई स्टाक एक्सचेंज में दाखिल दस्तावेज में रिलायंस ने दावा किया है कि उसे हाल ही में रिलायंस जियो सहित अलग-अलग कंपनियों को बेचने से तीन हजार करोड़ रुपए और दो हजार करोड़ रुपए मिले हैं. रोहतगी ने कहा कि यह रकम रिलायंस को नहीं मिली है.

आरकॉम ने सात जनवरी को कहा था कि वह धन लौटाने के प्रति अपनी इच्छा स्पष्ट करने के लिए 118 करोड़ रुपए के दो डिमांड ड्राफ्ट शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा करेगा और शेष राशि भी कुछ समय में अदा कर देगा.

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