सीबीआई और आंध्र प्रदेश सरकार के बीच गतिरोध बढ़ता नजर आ रहा है. दरअसल सीबीआई ने आंध्र प्रदेश सरकार पर कुछ भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ने के लिए जो प्लान बनाया गया था उसकी खुफिया जानकारी लीक करने का आरोप लगाया है. न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई ने कहा है कि इस वजह से बस एक शख्स को गिरफ्तार किया जा सका जबकि बाकी सब फरार हो गए. हालांकि वहीं अब इस मामले को लेकर टीडीपी का बयान सामने आया है.
टीडीपी के एल दीनाकर ने कहा- आंध्र सरकार द्वारा सीबीआई की सामान्य सहमति वापस लेने के बाद एमके रामनेश्वर, सीबीआईसी अधीक्षक को आंध्र सरकार के एसीबी द्वारा गिरफ्तार किया गया था. उन्हें सीबीआई एसपी के सहयोग से पकड़ा गया जिन्होंने एसीबी को जानकारी दी और आंध्र एसीबी के साथ पूरी तरह से सहयोग भी किया. पता नहीं क्यों कुछ सीबीआई कार्यकर्ता शोर मचा रहे हैं और रो रहे हैं?
After withdrawal of general consent by Andhra govt to CBI,MK Ramneswar,CBIC Superintendent was booked by Andhra govt's ACB.He was caught with cooperation of CBI SP who gave info to ACB&fully cooperated with Andhra ACB.Why some CBI functionaries are raising hue&cry?: L Dinakar,TDP pic.twitter.com/UHMp4VC8NO
— ANI (@ANI) December 1, 2018
वहीं इस मामले को लेकर विजयवाड़ा एसीबी के डीजी ने बताया कि 30 नवंबर को, एमके रामनेश्वर, अधीक्षक, केंद्रीय जीएसटी रेंज कार्यालय, मछलीपत्तनम, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के खिलाफ जाल बिछाया गया था. उनके पास से 30,000 रुपए वसूल किए गए थे. उन्होंने बताया कि दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैबलिसमेंट एकट की धारा 6 के अनुसार आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा सीबीआई को सामान्य सहमति के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर यह पहला जाल बिछाने का मामला है.
DG ACB, Vijayawada: On 30 Nov, trap was laid against MK Ramaneswar, Superintendent, Central GST Range Office, Machilipatnam, Central Board of Indirect Taxes & Customs. Rs 30,000 was recovered from his possession.
— ANI (@ANI) December 1, 2018
DG ACB, Vijayawada: It's the first trap case on Central govt employees after general consent to CBI was withdrawn by Andhra Pradesh govt as per Sec 6 of Delhi Special Police Establishment Act.
— ANI (@ANI) December 1, 2018
आंध्र प्रदेश के गृह विभाग से सूचनाओं को गोपनीय रखने को कहा था
राज्य के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो के गलत कदम की वजह से केंद्र सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ने की योजना नाकाम होने पर नाराज सीबीआई ने कहा कि उसने आंध्र प्रदेश के गृह विभाग से सूचनाओं को पूरी तरह से गोपनीय रखने को कहा था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. केंद्रीय जांच एजेंसी और राज्य सरकार के बीच गतिरोध उस समय सार्वजनिक हो गया था, जब एसीबी ने बीते शुक्रवार को मछलीपट्टनम जिले में कथित रूप से रिश्वत लेते हुए केंद्रीय सीमाशुल्क के एक अधिकारी को गिरफ्तार करने का दावा किया था.
प्लान बनाने को लेकर राज्य सरकार की मंजूरी मांगी थी
वहीं सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, 'सीबीआई ने भ्रष्ट परंपराओं में संदिग्ध रूप से शामिल केंद्र सरकार के कुछ कर्मचारियों को पकड़ने के लिए प्लान बनाने को लेकर राज्य सरकार की मंजूरी मांगी थी.' उन्होंने कहा कि राज्य के गृह विभाग से सूचना गोपनीय रखने को कहा गया था, लेकिन विभाग ने अपने एसीबी से यह सूचना साझा की.
आंध्र और केंद्र के बीच टकराव का एक नया मुद्दा खड़ा हो गया है
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो के अभियान के कारण केवल एक संदिग्ध की गिरफ्तारी हुई, जबकि कई अन्य संभावित व्यक्ति गिरफ्तारी से बच निकलने में कामयाब हो गए. बता दें कि आंध्र सरकार ने पिछले दिनों आदेश जारी किया था कि सीबीआई टीम को किसी भी मामले की जांच के लिए वहां जाने से पहले राज्य सरकार की इजाजत लेनी पड़ेगी. चंद्रबाबू नायडू सरकार के इस बयान के बाद आंध्र और केंद्र के बीच टकराव का एक नया मुद्दा खड़ा हो गया है.
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