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अमृतसर ट्रेन हादसा: पिछले 12 सालों में जान गंवा चुके 39 लाख लोग, अब भी नहीं जागी सरकार

एक आईएएस ऑफिसर ने बताया कि अगर रेलवे ट्रैक के पास बनी अवैध इमारतों को गिराया जाए तो इस तरह के एक्सीडेंट्स को कम किया जा सकता है

Updated On: Oct 21, 2018 02:18 PM IST

FP Staff

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अमृतसर ट्रेन हादसा: पिछले 12 सालों में जान गंवा चुके 39 लाख लोग, अब भी नहीं जागी सरकार

अमृतसर में शुक्रवार रात को हुए ट्रेन हादसे में करीब 60 लोगों की मौत गई, जबकि कई लोग अब भी जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं. हादसे के बाद से ही इस पूरे मामले पर राजनीति शुरू हो गई है. लेकिन यह हादसा कोई ऐसी घटना नहीं थी जिसे रोका न जा सकता हो. अगर ऑर्गनाइजर्स पटरी पर खड़े लोगों पर हंसने के बजाय या यह कहने के बजाय 'चाहे 500 गाड़ियां निकल जाएं फिर भी लोग खड़े रहेंगे' लोगों को पटरियों से उतरने का आग्रह करते तो इस हादसे को टाला जा सकता था. यह हादसा भी उन्ही अननेचुरल एक्सीडेंट में से एक था जो काफी सालों से देश में होते आए हैं

इससे पहले भी इस तरह के टाले जा सकने वाले हादसे सामने आ चुके हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एनसीआरबी की तरफ से जारी किए गए रिकॉडर्स में बताया गया है कि 2004 से 2015 के बीच इस तरह की अननेचुरल एक्सीडेंट्स में करीब 39 लाख लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं. इनमें केवल रेल दुर्घटनाओं में ही करीब 26 हजार लोगों की मौत हो चुकी है.

सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा मौते

इस तरह के अननेचुरल एक्सीडेंट्स में सड़क दुर्घटना टॉप पर है. सड़क दुर्घटना में पिछले 12 सालों में 15 लाख लोगों की जान जा चुकी है. इसमें केवल 2015 में ही डेढ़ लाख लोगों की जान गई थी.

इसके अलावा डूबने के कारण 2004 से 2015 तक करीब 3 लाख लोगों की मौत हो गई. अननेचुरल एक्सीडेंट्स की इस लिस्ट में डूबने के कारण होने वाली दुर्घटनाएं दूसरे नंबर पर हैं.

ट्रेन एक्सीडेंट तीसरे नंबर 

इसके बाद आता है ट्रेन एक्सीडेंट का नंबर जो इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं. एनसीआरबी की तरफ से 2004-2015 तक जारी किए गए आंकड़ो के मुताबिक ट्रेन दुर्घटनाओं में करीब 26 हजार लोगों की मौत हो गई है. एक आईएएस ऑफिसर ने बताया कि अगर रेलवे ट्रैक के पास बनी अवैध इमारतों को गिराया जाए तो इस तरह के एक्सीडेंट्स को कम किया जा सकता है. लेकिन राजनीतिक कारणों की वजह से इन इमारतों को हटाना मुश्किल है.

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