राजस्थान के अलवर में 20 जुलाई को गौ तस्करी के संदेह में रकबर खान नाम के एक व्यक्ति की भीड़ ने पीट पीटकर हत्या कर दी थी. शुक्रवार को इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. हालांकि पुलिस ने 28 वर्षीय रकबर खान की हत्या को मॉब लिंचिंग नहीं माना है.
चार्जशीट में तीन आरोपियों को रकबर की पिटाई और हत्या का आरोपी बनाया गया है. इन तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 341, 323, 34 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है.
पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं करने पर अलवर पुलिस ने सफाई दी है कि उनके खिलाफ मजिस्ट्रेट जांच चल रही है. जांच के बाद ही तय होगा कि वे दोषी हैं या नहीं. जिन तीन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है उनमें आरोपी परमजीत, धर्मेंद्र और नरेश को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
रकबर खान की हत्या के कुछ ही समय बाद ही घटना स्थल से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने 25 पेज की चार्जशीट में कहा है कि रकबर की मौत के लिए चार लोग जिम्मेदार हैं. तीन लोग पुलिस की हिरासत में हैं और चौथे आरोपी को अभी गिरफ्तार किया जाना बाकी है.
पुलिस ने कहा कि दो अन्य लोगों के खिलाफ जांच अभी लंबित है, खासकर नवल किशोर के खिलाफ जो एक गौरक्षक है. नवल किशोर ने ही पुलिस को घटना की जानकारी दी थी.
हरियाणा का रहने वाला रकबर खान और उसका दोस्त असलम गायों को लेकर जा रहे थे, तभी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था. भीड़ को संदेह था कि ये दोनों लोग गायों को बूचड़खाने ले जा रहे हैं. हमले में रकबर की मौत हो गई और उसका दोस्त असलम बच गया.
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