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तीन तलाक असंवैधानिक: इलाहाबाद हाईकोर्ट

गुरुवार को दो याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के साथ क्रूरता है.

Updated On: Dec 09, 2016 04:01 PM IST

FP Staff

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तीन तलाक असंवैधानिक: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया है. गुरुवार को दो याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के साथ क्रूरता है.

हाईकोर्ट ने कहा कि कोई भी पर्सनल लॉ संविधान से ऊपर नहीं है. यहां तक कि पवित्र कुरान में भी तलाक को सही नहीं माना गया है.

हाईकोर्ट ने कहा तीन तलाक की इस्लामिक कानून गलत व्याख्या कर रहा है. तीन तलाक महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों का हनन है.

हाईकोर्ट ने बुलंदशहर की हिना और उमरबी द्वारा दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह बात कही.

24 साल की हिना की शादी 53 साल के एक व्यक्ति से हुई थी जिसने उसे बाद में तलाक दे दिया. जबकि उमरबी का पति दुबई में रहता है जिसने उसे फोन पर तलाक दे दिया था. जिसके बाद उसने अपने प्रेमी के साथ शादी कर ली थी.

जब उमरबी का पति दुबई से लौटा तो उसने हाईकोर्ट में कहा कि उसने तलाक दिया ही नहीं. उसकी पत्नी ने अपने प्रेमी से शादी करने के लिए झूठ बोला है. इस पर कोर्ट ने उसे एसएसपी के पास जाने को कहा.

प्रदेश18 से खास बातचीत में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और इस्लामिक विद्वान खालिद रशीद फिरंगी महली ने इस फैसले को शरियत कानून के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा हमारे मुल्क के संविधान ने हमें अपने पर्सनल लॉ पर अमल करने की पूरी-पूरी आजादी दी है. इस वजह से हमलोग इस फैसले से मुत्तफिक नहीं है. पर्सनल लॉ बोर्ड की लीगल कमेटी इस फैसले को स्टडी करके इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में अपील करेगी.

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