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यूपी अवैध खनन मामला: हाई कोर्ट ने दिया 2 डीएम को सस्पेंड करने का ऑर्डर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तत्कालीन दो डीएम राजीव रौतेला और राकेश कुमार सिंह को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने का मुख्य सचिव को निर्देश दिया है

Updated On: Dec 14, 2017 04:18 PM IST

FP Staff

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यूपी अवैध खनन मामला: हाई कोर्ट ने दिया 2 डीएम को सस्पेंड करने का ऑर्डर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक के बावजूद रामपुर में कोसी नदी से अवैध खनन जारी रखने के मामले मे कड़ा रुख अख्तियार किया है.

हाईकोर्ट ने तत्कालीन दो डीएम राजीव रौतेला और राकेश कुमार सिंह को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने का मुख्य सचिव को निर्देश दिया है. कोर्ट ने पूरे मामले में 16 जनवरी को मुख्य सचिव से कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी है.

हाईकोर्ट ने अवैध खनन के मामले में जिले के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की भूमिका की भी जांचकर दोषी अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई कर उन्हें दंडित करने का भी आदेश दिया है. यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस एमके गुप्ता की खंडपीठ ने मकसूद की ओर से जनहित याचिका पर दिया है.

अवैध तरीके से लाइसेंस देने का आरोप

याची का कहना है कि नन्हे को बालू स्टोरेज का लाइसेंस दिया गया, जबकि 2015 में ही हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया था. पूरे मामले में कोर्ट के सख्त आदेश की अनदेखी का याचिका में आरोप लगाया गया है. याचिका में आरोप है कि मामले की जांच न कर पर्दा डालने की कोशिश हुई है. दागी ठेकेदार को अवैध तरीके से स्टोरेज लाइसेंस दे दिया गया तो दोबारा याचिका दायर कर शिकायत की गई.

कोर्ट ने रामपुर के तत्कालीन दो जिलाधिकारियों राजीव रौतेला और राकेश कुमार सिंह को निलंबित कर कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है. कोर्ट ने डीएम रामपुर शिव सहाय अवस्थी को तलब किया और पूछा कि दागी ठेकेदार को स्टोरेज का लाइसेंस कैसे दे दिया. तो डीएम ने 16 जुलाई 2016 को दिए गए लाइसेंस को नवंबर 2017 में निरस्त कर दिया.

2015 में एक माह में जांच के आदेश की अनदेखी कर सरकार ने दोषियों को बचाने का प्रयास किया. इतना ही नहीं स्टोरेज लाइसेंस दे दिया. जिसकी आड़ में अवैध खनन का धंधा पुलिस अधिकारियों की नाक के नीचे बे-रोकटोक चलता रहा. प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने आंखें बंद कर लीं. अधिकारियों की शह पर अवैध खनन के जिम्मेदार दो जिलाधिकारियों पर हाईकोर्ट का चाबुक चला है.

(न्यूज18 हिंदी के लिए सर्वेश कुमार दुबे की रिपोर्ट)

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