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स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा काला धन नहीं, मामले को बढ़ा-चढ़ाकर किया जा रहा पेश: जेटली

जेटली ने चेतावनी दी कि स्विस बैंकों में अवैध रूप से धन जमा कराने वाले भारतीयों की पहचाना छुपाना अब मुश्किल होगा और ऐसे लोगों पर ब्लैक मनी एक्ट के तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई होगी

Updated On: Jun 29, 2018 09:32 PM IST

FP Staff

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स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा काला धन नहीं, मामले को बढ़ा-चढ़ाकर किया जा रहा पेश: जेटली

स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी पर केंद्र सरकार कांग्रेस और विपक्ष के निशाने पर है. इस पूरे मामले पर सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने साफ कहा है कि स्विस बैंकों में जमा पूरा पैसा काला धन नहीं है. वहां जिन भारतीयों का पैसा जमा है, उनमें से ज्यादातर भारतीय मूल के वे लोग हैं, जो विदेश में बस चुके हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरे मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है.

जेटली ने कहा कि कर विभाग द्वारा पहले की गई जांच में पाया गया कि इनमें उन लोगों का धन भी शामिल है जो भारतीय मूल के हैं लेकिन अब किसी दूसरे देश के नागरिक हैं और इसमें गैर-निवासी भारतीयों (एनआरआई) का धन भी शामिल है.

इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि स्विस बैंकों में अवैध रूप से धन जमा कराने वाले भारतीयों की पहचाना छुपाना अब मुश्किल होगा और ऐसे लोगों पर कालाधन रोधी कानून (ब्लैक मनी एक्ट) के तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि अगले साल जनवरी से वहां भारतीयों के खातों के बारे में तत्काल स्विट्जरलैंड से सूचनाओं का मिलना शुरू हो जाएगा.

स्विस नेशनल बैंक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 2017 में भारतीयों द्वारा जमा कराए जाने वाले धन में 50% से अधिक की वृद्धि हुई है. इस दौरान भारतीयों का स्विस बैंक में 7,000 करोड़ रुपए जमा था जबकि इससे पिछले लगातार तीन साल वहां भारतीयों की जमा में गिरावट दर्ज की गई थी.

जेटली ने अपने ब्लॉग में कहा कि आज एक खबर छपी है कि स्विस बैंकों में भारतीयों का धन बढ़ा है. इसकी वजह से कुछ हलकों से गलत जानकारी के आधार पर प्रतिक्रिया आई और इसने सरकार के कालाधन रोधी कदमों के प्रयासों के परिणाम पर सवाल खड़े किए हैं.

उन्होंने कहा कि स्विट्जरलैंड हमेशा से जानकारियों को साझा करने में अनिच्छुक रहा है. आल्पाइन देशों ने अपने घरेलू कानूनों को संशोधित किया है जिनमें सूचना सार्वजनिक करने के नियम भी शामिल हैं. इन देशों ने भारत के साथ वास्तविक समय में जानकारियां साझा करने की संधि पर हस्ताक्षर किए हैं और इससे भारत को उसी समय जानकारी मिल जाएगी जब कोई भारतीय वहां धन जमा करेगा.

जेटली ने कहा कि जनवरी 2019 से यह जानकारी आने लगेगी। अवैध रुप से धन जमा करने वाले किसी भी जमाकर्ता को यह पहले से पता होगा कि कुछ महीनों में उनका नाम सार्वजनिक होना ही है और उन पर भारत में कालाधन रोधी कानूनों के तहत कड़ी दंडात्मक कार्रवाई होनी है.

उन्होंने कहा कि जो लोग इस मामले पर सार्वजनिक बहस कर रहे हैं उन्हें इन आधारभूत तथ्यों को समझना चाहिए, बजाय कोई कम या गलत जानकारी वाला दृष्टिकोण रखें.

(इनपुट भाषा से)

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