live
S M L

UP: कोर्ट के आदेश के बाद दरगाह पर जंजीरों से बंधे 22 मनोरोगी हुए रिहा

रूहानी इलाज के नाम पर मानसिक रोगियों को जंजीरों से बांधकर रखने पर उच्चतम न्यायालय की नाराजगी के बाद प्रशासन ने दरगाह पर बंधे लगभग 22 मनोरोगियों को छुड़वाकर उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है

Updated On: Jan 05, 2019 01:37 PM IST

Bhasha

0
UP: कोर्ट के आदेश के बाद दरगाह पर जंजीरों से बंधे 22 मनोरोगी हुए रिहा

बदायूं स्थित बड़े सरकार दरगाह पर रूहानी इलाज के नाम पर मानसिक रोगियों को जंजीरों से बांधकर रखने पर उच्चतम न्यायालय की नाराजगी के बाद प्रशासन ने दरगाह पर बंधे लगभग 22 मनोरोगियों को छुड़वाकर उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि रूहानी इलाज के नाम पर लोगों को जंजीर में बांधा जाना नृशंस और अमानवीय है.

दरगाह पर लोग मानसिक रोगों के इलाज के लिए आते हैं

बीते शुक्रवार रात इस मामले को लेकर प्रशासन तथा पुलिस की टीमों ने दरगाह पहुंचकर वहां के पीरजादा से मुलाकात की और जंजीरों में बांध कर रखे गए 22 से ज्यादा मानसिक रोगियों को मुक्त कराया. उन्हें उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया है.उपजिलाधिकारी सदर पारस नाथ मौर्य ने बताया कि बड़े सरकार की दरगाह पर लोग मानसिक रोगों के इलाज के लिए आते हैं. लोगों की मान्यता है कि यहां पर लोगों को बुरी प्रेतात्माओं से छुटकारा मिलता है. यहां मरीज लेकर आने वाले लोग दरगाह के निकट बने आश्रय स्थल पर मौजूद एक महिला और एक पुरुष की निगरानी में रोगी को छोड़कर चले जाते हैं.

मानसिक रोगियों को जंजीर में बांधकर रखने की इजाजत नहीं है

यहां रूहानी इलाज के नाम पर रोगियों को बेड़ियों और जंजीरों में बांधकर रखा जाता है ताकि रोगी कहीं भाग न सके या किसी पर हमला न कर दे. मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए गत गुरुवार को कहा था कि मानसिक रोगियों को जंजीर में बांधकर रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती. न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा था कि मानसिक रोगियों को जंजीर में बांधकर रखना जीवन और व्यक्तिगत आजादी से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है.

0

अन्य बड़ी खबरें

वीडियो
KUMBH: IT's MORE THAN A MELA

क्रिकेट स्कोर्स और भी

Firstpost Hindi