केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार कर रही समिति ने अपना काम पूरा कर लिया है. और शिक्षा नीति का मसौदा अब से किसी भी वक्त केंद्र सरकार को सौंपा जा सकता है. केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2017 का मसौदा तैयार करने के लिए कस्तूरीरंगन समिति गठित की थी.
गोवा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘समिति ने नीति का मसौदा तैयार कर लिया है. जिसके पांच स्तंभ, उपलब्धता, सामर्थ्य, समानता, गुणवत्ता और जवाबदेही है.’ उन्होंने कहा, ‘के.कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली हमारी समिति ने आज सिर्फ इतना कहा कि रिपोर्ट तैयार है. वह किसी भी दिन और समय राष्ट्रीय शिक्षा नीति सरकार को सौंपने के लिए तैयार हैं.’
जावड़ेकर ने कहा कि उनका मंत्रालय नीति को स्वीकार करने और लागू करने के लिए टाइम टेबल बनाएगा. उन्होंने कहा, ‘यह एक नया अहसास होगा और हमारी शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा प्रदान करेगा. हमें लंबा रास्ता तय करना है.’ गौरतलब है कि पहली राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 1968 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने और दूसरी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने लागू किया था.
जावड़ेकर ने कहा कि भारत में शोध और इनोवेशन की कमी है, जिस कारण देश में इस्तेमाल की जाने वाली कई चीजें विदेश-निर्मित हैं. जबकि भारत के सतत् विकास के लिए इनोवेशन महत्त्वपूर्ण है.
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