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पुलवामा हमला: सुरक्षाबलों की ज्यादती की वजह से आदिल ने चुना आतंक का रास्ता- परिवार

आदिल अहमद दार के माता-पिता ने बताया कि तीन साल पहले जब दार स्कूल में था, सुरक्षा बलों के कुछ जवानों ने उसे पीटा था और जमीन पर नाक रगड़वाया था

Updated On: Feb 16, 2019 04:28 PM IST

FP Staff

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पुलवामा हमला: सुरक्षाबलों की ज्यादती की वजह से आदिल ने चुना आतंक का रास्ता- परिवार

पुलवामा में हुए आतंकी हमले का आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद दार पिछले साल ही आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद में शामिल हुआ था. इस हमले को अंजाम देने में उसके कुछ पाकिस्तानी मददगार भी शामिल होने की बात चल रही है. दार कश्मीर का ही था और कभी बहुत शर्मीला छात्र था, लेकिन एक घटना के बाद उसने स्कूल छोड़ दिया और इतने बड़े आतंकी संगठन में शामिल हो गया था.

रिपोर्ट्स है कि कभी सुरक्षाबलों ने उसे अपमानित किया था, जिसके बाद वो काफी परेशान रहने लगा था. कश्मीर में स्थानीय युवाओं के बीच मौजूद असंतुष्टि और गुस्से का फायदा आतंकी संगठन कैसे उठा रहे हैं, इसका नमूना है आदिल अहमद दार.

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तीन साल पहले दार को सुरक्षाबलों के जवानों ने पीटा था, जिसके बाद वो बहुत बदल गया. रॉयटर्स से 20 साल के आदिल अहमद दार के माता-पिता ने बताया कि तीन साल पहले जब दार स्कूल में था, कुछ जवानों ने उसे पीटा था और जमीन पर नाक रगड़वाया था, तबसे उसके अंदर बदलाव आया हो सकता है.

स्क्रॉल के मुताबिक, दार के पिता गुलाम हसन ने कहा, 'एक बार वो स्कूल से घर लौट रहा था, तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया और जमीन पर नाक रगड़ने को कहा. जवानों ने उसे उनकी जीप के किनारे-किनारे नाक रगड़ते हुए घेरा बनाने को कहा था.'

पुलवामा में नेशनल हाईवे पर सुसाइड बॉम्बर ने खुद को उड़ा लिया था

पुलवामा में नेशनल हाईवे पर जैश के एक सुसाइड बॉम्बर ने CRPF के वाहन से टकराकर खुद को उड़ा लिया था. इस आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे

रॉयटर्स के मुताबिक, दार की मां फहमीदा ने बताया कि उस वक्त स्कूल के कुछ बच्चों पर पत्थरबाजी का आरोप लगा था, उसी में आदिल अहमद को भी पकड़ा गया और उन्हें पीटा गया था. तबसे वो काफी अपमानित महसूस करता था और बार-बार पूछता था कि उन्होंने उसके साथ ऐसा क्यों किया. तभी से उसने आतंकी बनने का ठान लिया था.

दार की मां ने बताया कि वो पिछले साल मार्च में गायब हो गया था, उन्होंने अगले तीन महीनों तक उसे ढूंढा लेकिन वो नहीं मिला, इसलिए उन्होंने उसे ढूंढना बंद कर दिया.

फहमीदा ने बताया उसके आतंकी बनने की जानकारी मिलने के बाद से परिवार उसे लगातार ये सब छोड़ने को कह रहा था, लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ.

गुलाम हसन ने कहा कि उन्हें भी उतना दुख हो रहा है, जितना शहीद सीआरपीएफ जवानों के परिवारों को हो रहा है.  बता दें कि दार के परिवार ने शुक्रवार को बिना शव के उसका अंतिम संस्कार किया.

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