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कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियों का मकसद असहमति को कुचलना है: चिदंबरम

चिदंबरम ने कहा कि हमें लगता है कि यह अहम मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है. यह असहमति को कुचलने और सरकार के आलोचकों के मन में भय पैदा करने की कोशिश है

Updated On: Sep 01, 2018 10:20 PM IST

Bhasha

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कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियों का मकसद असहमति को कुचलना है: चिदंबरम

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने माओवादियों से संबंध के आरोपों में वामपंथी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि यह असहमति को कुचलने की कोशिश है.

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक आजाद देश में घोर दक्षिणपंथी या वामपंथी विचार रखना स्वीकार्य है और परेशानी तब पैदा होती है जब हिंसा भड़काई जाती है. उन्होंने कहा, ‘जिन्हें गिरफ्तार किया गया है वे नागरिक अधिकार कार्यकर्ता, मानवाधिकार कार्यकर्ता, वकील, लेखक और कवि हैं. उनके घोर वामपंथी विचार हैं.’

उन्होंने कहा, ‘एक आजाद देश में आपके घोर वामपंथी, घोर दक्षिण पंथी विचार हो सकते हैं यह स्वतंत्रता का मूल है. जब कोई हिंसा में शामिल होता है या हिंसा भड़काता है या हिंसा को शह देता है तभी वह अपराध कर रहा होता है.’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि वामपंथी कार्यकर्ताओं पर पुलिस की कथित कार्रवाई का मकसद भाजपा नीत सरकार के आलोचकों को चुप करना है.

उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि यह अहम मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है. यह असहमति को कुचलने और सरकार के आलोचकों के मन में भय पैदा करने की कोशिश है. हम इसकी निंदा करते हैं और हम बहुत खुश हैं कि अदालत ने हस्तक्षेप किया और उन्हें कुछ हद तक आजादी दी.’

इस बीच, मानवाधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबडे ने शनिवार को महाराष्ट्र पुलिस के उन दावों को खारिज कर दिया कि उन्होंने पेरिस में एक सम्मेलन में हिस्सा लिया था जिसका वित्त पोषण कथित तौर पर माओवादियों ने किया था. उन्होंने नक्सलियों से संबंधों के आरोपों को भी अपमानजनक बताते हुए खारिज कर दिया.

गोवा में एक प्रबंधन संस्थान में पढ़ाने वाले तेलतुंबडे उन कार्यकर्ताओं और वकीलों में से एक हैं जिनके घरों पर 28 अगस्त को पुणे पुलिस ने छापे मारे. इन पर माओवादियों से संबंध रखने का संदेह है.

उन्होंने कहा, ‘ये सभी मेरी छवि को खराब करने के लिए झूठे आरोप हैं. मैं किसी माओवादी नेता को नहीं जानता और मेरा इससे कोई संबंध नहीं है. मैं अकादमिक सम्मेलनों के लिए विदेश जाता रहता हूं. ये सभी आधिकारिक निमंत्रण होते हैं और हर बात का अच्छी तरह से उल्लेख रहता है.’

उन्होंने कहा यह सभी अपमानजनक है. उन्होंने कहा, ‘पुलिस को आरोप लगाने से पहले सोचना चाहिए, उन्हें मेरी पृष्ठभूमि देखनी चाहिए, जो काम मैंने किया, मेरे पास ये सब काम करने के लिए वक्त नहीं है.’

तेलतुंबडे ने कहा, ‘मेरा पेशा और मैं जो भी करता हूं वह सार्वजनिक है. यह पुलिस की जानबूझकर आम आदमी को परेशान करने की कोशिश है. मैं विभिन्न मुद्दों पर लिखता रहूंगा और मैं हमेशा आलोचक रहूंगा.’

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