सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के साथ मारपीट की घटना सामने आई है. झारखंड के पाकुड़ जिले में उनके साथ मंगलवार को मारपीट की घटना हुई थी. कथित तौर पर बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने उन्हें मारा और कपड़े भी फाड़ डाले, उनके शरीर पर कई जगह चोट के निशान भी हैं. स्वामी अग्निवेश रांची से 350 किलोमीटर दूर पाकुड़ जिले में 195वां दामिन महोत्सव में हिस्सा लेने पहुंचे थे. घटना सामने आने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
Activist Swami Agnivesh was thrashed, allegedly by BJP Yuva Morcha workers in Jharkhand's Pakur, earlier today. More details awaited. pic.twitter.com/59kqoV9uj4
— ANI (@ANI) July 17, 2018
स्वामी अग्निवेश शहर के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए हुए थे. होटल से निकलने के बाद बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने उनपर हमला बोल दिया. बताया जा रहा है कि ये कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश द्वारा बीफ खाने को लेकर दिए गए बयान से नाराज थे. बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्वामी अग्निवेश आदिवासियों को भड़काने का काम कर रहे हैं.
पाकुड़ में स्वामी अग्निवेश के साथ हुई मारपीट मामले की जांच की जाएगी. सीएम रघुबर दास ने गृह सचिव को जांच के आदेश दिए है. संथालपरगना के आयुक्त और डीआईजी मामले की जांच करेंगे.
मामले की प्रशासनिक और न्यायिक जांच हो
पाकुड़ में अपने ऊपर हुए हमलों के मामले में स्वामी अग्निवेश ने राज्य सरकार से दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा, 'मैं इस सिलसिले में सरकार से कार्रवाई की मांग करता हूं. पहले घटना की प्रशासनिक जांच हो, फिर न्यायिक जांच कराई जाए.'
पुलिस पर सवाल उठाते हुए स्वामी ने कहा कि इतनी बड़ी घटना घट गई, लेकिन पुलिस हरकत में नहीं आई. उन्होंने मांग की कि जो लोग हमले में शामिल थे, उनका संगठन क्या है? वे कौन लोग हैं? इसकी जांच कर सरकार उनपर कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई.
गंदी गालियां दी, कपड़े भी फाड़े
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि पिटाई के दौरान वे लोग गंदी-गंदी गालियां भी दे रहे थे. उन्होंने कहा कि मैं जैसे ही दरवाजा खोलकर बाहर निकला हूं, वे लोग मेरे ऊपर टूट पड़े. मैं बार-बार हाथ जोड़ता रहा. उनसे पूछता रहा कि बताओ भाई बात क्या है, लेकिन वे लोग सुनने को तैयार नहीं थे. सिर्फ मेरे ऊपर लात-घूंसों की बारिश कर रहे थे.
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि उनलोगों ने मेरे कपड़े फाड़े, पगड़ी उतार दिया और मेरे चश्मा तोड़ दिए. इसके साथ ही मेरा मोबाइल भी छीन लिए. उसके बाद पत्थर उठाकर मेरे सिर पर मार रहे थे, मेरे सहयोगी ने उन्हें रोका और मुझे बचाया.
आरोपियों की शिनाख्त कर करें कार्रवाई
स्वामी ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजकों ने मेरे आने की सूचना पहले ही प्रशासन को दे दी थी. उसके बाद भी ऐसा हुआ. मैं अब आरोपियों की शिनाख्त कर कार्रवाई की मांग करता हूं.
ऐसा नहीं है कि स्वामी अग्निवेश के साथ पहली बार मारपीट की घटना घटी हो. इससे पहले मई, 2011 में गुजरात के अहमदाबाद में एक जनसभा के दौरान स्वामी अग्निवेश के साथ एक संत ने अभद्रता की थी. जनसभा के दौरान संत ने स्वामी अग्निवेश को थप्पड़ मार दिया था. उस समय अमरनाथ में शिवलिंग के बारे में अग्निवेश ने एक बयान दिया था जिससे संत नाराज थे.
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