उपनगरीय रेलवे को मुंबई की लाइफ लाइन कहा जाता है. लेकिन पिछले वर्ष शहर में ट्रेन दुर्घटनाओं में तीन हजार से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है. एक आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ है.
राज्य रेलवे पुलिस (जीआरपी) की ओर से उपलब्ध कराए गए आकडों के अनुसार पश्चिमी, मध्य और हार्बर उपनगरीय सेवा में ट्रैक पर कम से कम 3,014 यात्री मारे गए हैं.
आरटीआई के जवाब में कहा गया, ‘2017 में सभी उपनगरीय स्टेशनों (तीनों लाइनों) में जितनी मौतें हुई हैं उनमें से 1,467 पुरूष और 184 महिलाओं सहित कुल 1,651 लोग रेलवे पटरी पार करते समय मारे गए. वहीं 654 यात्री चलती ट्रेन से गिर कर मर गए.
मध्य रेलवे जीआरपी के एसीपी एम. चव्हाण ने बताया कि इन मौतों के तीन मुख्य कारण हैं- आत्महत्या, ट्रेन से गिरना और ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आना.
उन्होंने कहा कि आत्महत्याओं पर नियंत्रण नहीं है लेकिन शेष दो कारणों से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है. शहर के कार्यकर्ता समीर झावेरी ने आरटीआई दाखिल की थी.
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