देश के लिए 15 अगस्त और 26 जनवरी, दोनों ही तारीख बहुत अहम है. एक तारीख वो हैं जब देश आजाद हुआ तो दूसरी वो जब भारत पूरी तरह गणतांत्रिक देश बना. यानी देश में संविधान लागू हुआ. 26 जनवरी भारतीय गणराज्य के शौर्य और शक्ति के प्रदर्शन का प्रतीक है. इस दिन राजपथ पर भव्य परेड होती है, जिसकी सलामी राष्ट्रपति लेते हैं. वो आज ही का दिन था जब भारत ने लिखित संविधान को अपनाया था, जिसे दुनिया के बेहतरीन संविधान में एक माना जाता है.
इस साल देश 70वां गणतंत्र दिवस मनाएगा, ऐसे में जानते हैं कि 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस.
26 जनवरी को ही क्यों लागू हुआ संविधान?
दरअसल 26 जनवरी 1930 को ही देश में पूर्ण स्वराज घोषित किया गया था. इसी दिन पंडित जवाहर लाल नेहरु ने रवि नदी के पास तिरंगा फहराया था जिसके बाद 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा.
1947 में देश के आजाद होने तक स्वतंत्रता दिवस 26 जनवरी को ही मनाया जाता था लेकिन जब देश आजाद हो गया तो 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा.
इसके बाद 26 नवंबर 1949 को, दो साल 11 महीने और 18 दिनों के बाद संविधान का निर्माण हुआ. यही वजह है कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में भी जाना जाता है. हांलाकि संविधान उस वक्त लागू नहीं किया गया.
कई सुधारों और बदलावों के बाद 26 नवंबर 1950 को संविधान लागू हुआ. यही वो दिन था जब भारत सहीं मायनों में गणतांत्रिक बना था, इसलिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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