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मुजफ्फरनगर दंगे: कवाल जाट मर्डर केस में सात आरोपियों को उम्रकैद

2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के सभी 7 आरोपियों को स्थानीय अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है

Updated On: Feb 08, 2019 04:16 PM IST

FP Staff

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मुजफ्फरनगर दंगे: कवाल जाट मर्डर केस में सात आरोपियों को उम्रकैद

2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के सभी 7 आरोपियों को स्थानीय अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है.

कवाल गांव में मचे दंगे में गौरव और सचिन की हत्या के सात आरोपी मुजम्मिल, मुजस्सिम, फुरकान, नदीम जहांगीर, अफजल और इकबाल को यह सजा सुनाई गई है.

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए सांप्रदायिक संघर्ष में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 40 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए थे. मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर अखिलेश यादव सरकार देशव्यापी आलोचना के घेरे में आ गई थी. लंबे समय तक अल्पसंख्यक समुदाय लोगों को रिहैबिलिटेशन कैंपों में रहना पड़ा. इन दंगों की आंच बीजेपी के पश्चिमी यूपी के बड़े नेताओं जैसे संगीत सोम, सुरेश राणा और संजीव बालियान पर भी आई थी. इन दंगों में तत्कालीन सपा सरकार के कद्दावर मंत्री आजम खान भी पर सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर प्रभाव डालने के कथित आरोप लगे थे.

FIR के मुताबिक, पांच आरोपियों द्वारा दो युवाओं को जान से मार दिया गया था. इसके बाद दो अन्य आरोपियों अफजल और इकबाल के खिलाफ सबूत सामने आने के बाद सेक्शन 319 के तहत केस दर्ज किया गया था. कोर्ट ने 10 गवाहों और छह बचाव करने वालों का पक्ष सुनने के बाद सात आरोपियों को दोषी ठहराया था.

यह घटना 27 अगस्त 2013 को हुई थी. सात आरोपियों में से दो जमानत पर बाहर हैं, जबकि पांच आरोपी पिछले पांच साल से जेल में बंद हैं. सचिन और गौरव की मोटरसाइकिल शहनवाज की बाइक से भिड़ गई थी. अन्य स्थानीय लोग भी वहां मौजूद थे. इसके बाद दोनों की हत्या कर दी जाती है. बाद में शहनवाज की भी हत्या हो जाती है.

शहनवाज की हत्या के संबंध में एसआईटी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट फाइल कर दी है जबकि सचिन और गौरव मर्डर की चार्जशीट IO संपूर्णनंद तिवारी ने फाइल की थी. इसके बाद कवाल की घटना देखते ही देखते मुजफ्फरनगर दंगों में बदल गई थी.

(तस्वीर प्रतीकात्मक है)

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