मुंबई का फिल्मसिटी जंगल के बीच में स्थित है जहां अक्सर जंगली जानवर आते रहते हैं. हाल फिलहाल में फिल्मसिटी में काम करने वाले एक्टर्स, कर्मचारियों और यहां आस पास के इलाके में रह रहे लोगों पर तेंदुए का खौफ साफ देखा जा सकता है.
मुंबई की गोरेगांव फिल्म सिटी संजय गांधी नेशनल पार्क के अंदर आता है. यहां तेंदुआ और सांप जैसे बहुत से जंगली जानवर पाए जाते हैं. इससे टीवी और फिल्म सेट के साथ एक्टर्स और यूनिट के सदस्य हमेशा डेंजर में रहते हैं.
सीरियल के सेट पर हुए कई खौफनाक हादसे
पिछले दिनों सीरियल 'एक श्रृंगार स्वाभिमान' के सेट पर एक तेंदुए ने तीन साल के एक बच्चे पर अटैक कर दिया था. वह बच्चा शूटिंग देखने के लिए आया था. जब बच्चे को अस्पताल ले जाया गया तो वहां उसकी मौत हो गई.
जैसा कि अक्सर शो के सेट पर अक्सर बाहर से लोग घूमने के लिए आते रहते हैं. ठीक वैसे ही हाल ही में एक परिवार टीवी श्रृंगार स्वाभिमान स्वाभिमान के सेट पर गया था. ये परिवार अपनी 2 साल के बच्चे के साथ सेट के पास खड़ा था. इसी दौरान तेंदुए ने उस पर अटैक किया. वह बच्चे को अपने मुंह में दबाकर लेकर चला गया. कुछ देर बाद आगे चलकर तेदुंए ने बच्चे को फेंक दिया. भीड़ देखकर ये खतरनाक चीता वहां से भाग गया. इस घटना में बच्ची की मौत हो गयी.
इस घटना से शो के सेट पर मौजूद सभी एक्टर्स और टीम के लोग डर गए. 'एक श्रृंगार स्वाभिमान' के कुणाल यानी साहिल उप्पल ने बताया कि जैसे ही घटना हुई बच्चे की मां हमारे सेट पर आकर मदद मांगने लगी. हम सभी अपने प्रोडक्शन की टीम के साथ वहां पर पहुंचे। लेकिन उस बच्चे को नहीं बचाया जा सका. हमारे लिए बेहद दुख की खबर है.यहां तक कि अब अपने रूम में अकेले रहना हमारे लिए सुरक्षित नहीं है.
हाल ही में शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा अपनी फिल्म जब हैरी मेट सेजल की प्रमोशन के लिए ये रिश्ता क्या कहलाता के सेट पर गए थे. तभी शाहरुख के बॉडीगार्ड्स ने एक तेंदुए को आते हुए देखा जो एक जानवर को दबोच कर ले जा रहा था.
इससे सेट पर सनसनी फैल गई. खबर के मुताबिक यह शूट दोपहर से शुरू होने वाला था लेकिन फिल्म स्टार्स के शेड्यूल के चलते यह रात 2 बजे के करीब खत्म हुआ.
सेट पर है जानवरों के खौफ का साया
इससे यह सवाल उठता है कि क्या फिल्म सिटी में सीरियल और फिल्मों के सेट सुरक्षित हैं? इसका जवाब आपको ना में ही मिलेगा. 'गुलाम', 'ये रिश्ता क्या कहलाता है', 'नामकरण', 'चक्रव्यूह', 'एक श्रृंगार स्वाभिमान', 'इस प्यार को क्या नाम दूं', 'उड़ान', 'भाग बकुल भाग' जैसे सीरियलों की शूटिंग अभी भी फिल्म सिटी में ही होती है.
आए दिन होता है जंगली जानवरों से सामना
फिल्म सिटी में कोबरा, तेंदुआ, अजगर दिखना आम बात है. मॉनसून में तो ये जानवर अपने निवास स्थल से निकल फिल्म सिटी की सड़कों पर खुलेआम घूमते हैं.
कुछ समय पहले सीरियल 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' के सेट पर भी तेंदुआ घुस गया था. लेकिन उसे जल्दी ही वहां से भगा दिया गया. 'नामकरण' में नील का किरदार निभाने वाले एक्टर जेन इमाम ने सेट पर एक सांप देखा था.
फिलहाल 20 से ज्यादा टीवी सीरियलों की शूटिंग फिल्म सिटी में की जाती है. कई बार विजिटर्स प्रतिबंधित क्षेत्र में आ जाते हैं, जिससे उनकी जिंदगी खतरे में पड़ जाती है. कई टीवी स्टार्स जंगली जवारों के सेट पर आ जाने से खौफजदा हैं तो वहीं कुछ लोगों को जंगली जानवरों के आस पास होने से फर्क नहीं पड़ता है तो. आइए जानते हैं क्या कहना है इन स्टार्स का ?
रश्मि देसाई (उतरन और दिल से दिल तक)
हम उनके इलाके में शूटिंग कर रहे हैं, जिस तरह हम उनसे डरते हैं, वे भी हमसे डरते हैं. मेरे साथ एक वाकया पेश आया था. देर रात हो चुकी थी और मेरा कजिन मुझे लेने आया था. मैंने देखा कि एक तेंदुआ सड़क पार कर रहा है, लेकिन उसने कुछ नहीं किया. मैं कार से नहीं उतरी, मैं नहीं चाहती थी कि उसे किसी तरह का खतरा महसूस हो. हमारे लिए यह जरूरी है कि हम उनका ख्याल रखें. अगर हम उन्हें स्पेस दें तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी.
शक्ति अरोड़ा (मेरी आशिकी तुम ही से)
यह इंसानी जान के लिए काफी खतरनाक चीज हैं, और एक बार इनके मुंह खून लग जाए तो इन्हें रोकना मुश्किल है. मुझे याद है जब मैं तेरे लिए की शूटिंग कर रहा तो हमारे सेट पर एक तेंदुआ आ गया था और कुत्ता लेकर चला गया था. हालांकि, वहां बैरिकेड्स लगे थे. लेकिन उन्होंने बैरिकेड्स के नीचे जमीन खोदकर जगह बनाई और अंदर आ गए. इसलिए वहां शूट करना काफी खतरनाक है. बोरिवली नेशनल पार्क फिल्मसिटी से सटा हुआ है.
इससे बचने का एक ही तरीका है कि या तो चारों ओर सीमेंट की दीवार बना दी जाए या फिर उन्हें चिड़ियाघर में रख दिया जाए. जहां तक फिल्मसिटी की खुली सड़कों की बात है तो हम उन्हें नहीं रोक सकते. असल में यह इलाका उनका घर है और हम उनकी प्राइवेसी में दखल दे रहे हैं. मैंने फिल्मसिटी की सड़कों पर कई सांप भी देखें, जहरीले भी. फिल्मसिटी में शूटिंग के दौरान हम यह पक्का करते हैं कि अकेले न रहें.
हृषिकेश पांडेय (CID के सचिन)
मेरा रिएक्शन नॉर्मल था. मैं नहीं डरता क्योंकि मेरे साथ इस तरह के वाकेय अतीत में पेश आ चुके हैं. कुछ साल पहले की बात है, हम 'कोई अपना सा' की शूटिंग के बाद टी ब्रेक पर थे तभी अचानक तेंदुआ आ गया. लेकिन उसने कुछ नहीं किया. इसी तरह का अनुभव सीआईडी की शूटिंग के दौरान भी हुआ था. जब हम शूटिंग करते हैं तो ढेर सार लोग होते हैं. मेरी यही सलाह है कि यह जंगल है, उनका इलाका है, हमें उसमें घुसपैठ नहीं करना चाहिए.
विकास वर्मा (फिल्म शानदार और मॉम फेम)
आज जब तेंदुए के बारे में सुनता हूं तो मेरे रौंगटे खड़े हो जाते हैं. हम 'शानदार' फिल्म का क्लाइमेक्स शूट कर रहे थे. तब हमारा सामना तेंदुए से हुए. मुझे आज भी याद है कि हम कितना डर गए थे और अपनी वैन की ओर भाग गए थे. मुझे लगता है कि हमें उस समय शूटिंग से बचना चाहिए जब तेंदुए का खतरा ज्यादा हो.
शशांक व्यास ( जाना ना दिल से दूर)
'जाना ना दिल से दूर' में हाल फिलहाल तक एक्टिंग करते दिख रहे शशांक व्यास का कहना है, "हम उनके क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं, न कि वो हमारे. लोगों को वन्य जीवन के महत्व को समझना चाहिए. उनके क्षेत्र में प्रवेश करना और स्टूडियो बनाना सही नहीं है. उन्हें अपने परिवेश में रहने दें. यदि हम उनके क्षेत्र में प्रवेश करते हैं, तो यह एक स्पष्ट बात है कि वो हमारे क्षेत्र में प्रवेश करेंगे. वैसे मैंने कभी भी इस स्थिति का सामना नहीं किया है "
क्यों आ रही है समस्या
हालांकि इन तेंदुओं का असली निशाना बच्चे और जंगल में रहने वाले गांववाले होते हैं. कई बार नेशनल पार्क के तेंदुओं ने भी इन पर हमला किया है. पार्क के अधिकारी गांववालों की सुरक्षा के लिए तो जरूर कदम उठा रहे हैं लेकिव भारतीय एंटरटेंमेंट इंडस्ट्री एक बहुत बड़े खतरे में जी रही है.
जंगल के अधिकारियों का मानना है कि फिल्म सिटी और आरे कॉलोनी जैसी जगहें जंगल के करीब स्थित हैं और इसी कारण जंगली जानवर यहां अक्सर आ जाते हैं. उन्होंने स्थानीय नागरिकों को सावधान रहने की हिदायत भी दी है. ज्यादातर ये तेंदुए खाने की तलाश में यहां आते हैं और इसी क्रम में वो स्थानीय निवासियों पर हमला कर देते हैं.
क्या निकलेगा कोई हल
फिल्म सिटी के अधिकारियों ने यह देखा है कि आर्टिस्ट और वर्कर्स खाने-पीने की चीजें इधर-उधर फेंकते रहते हैं. यह कुत्तों और सूअरों को आकर्षित करता है. तेंदुए भी इसलिए वहां आते हैं और लोगों पर अटैक कर देते हैं.
यही कारण है कि अधिकारी शो के प्रोड्यूसर्स को जगह को साफ रखने की नसीहत देते हैं. बहुत बार तेजी से आती हुई गाड़ियों के कारण तेंदुओं की भी मौत हो जाती है. इस समस्या का हल निकालना भी बहुत जरूरी है.
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