MeToo... याद तो होगा ही आपको. कोई बड़ी हस्ती हो या दफ्तर का आम शख्स..कोई नहीं चाहता था कि उसका नाम इस मामले में फंसे. लेकिन बीजेपी नेता और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा इस मामले को हल्के में ले रहे हैं. कम से कम उनके बयान से तो यही लग रहा है कि उन्हें #MeToo कैंपेन से कोई फर्क नहीं पड़ता.
ये क्या कह डाला?
अपनी 'शेखी' बघारते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि आज के समय में तमाम हरकते करने के बावजूद उनका नाम #MeToo कैंपेन में नहीं आया. इसके बाद ये भी कहा कि दुनिया को दिखाने के लिए कि मैं एक खुशहाल शादीशुदा हूं और मेरा जीवन अच्छा है, कभी-कभार में अपनी पत्नी की आड़ ले लेता हूं. शत्रुघ्न सिन्हा यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा, अगर कोई #MeToo कैंपेन में उनका नाम लेने के बारे में सोच भी रहा है तो न ले.
दरअसल शत्रुघ्न सिन्हा 6 फरवरी को लेखक ध्रुव सोमनी की किताब की लॉन्चिंग के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. यहां उन्होंने कहा, आज के समय में जब कोई कामयाब पुरुष असफल होता है तो उसके पीछे किसी न किसी महिला का हाथ होता है.
उन्होंने कहा, आज MeToo का समय है और ये कहने में कोई शर्म या संकोच नहीं होनी चाहिए कि कामयाब व्यक्ति के असफलता के पीछे महिला है. मैंने इस आंदोलन में (मीटू) जो देखा है उसमें सफल पुरुषों की परेशानियों और बदनामी के पीछे ज्यादातर महिलाएं हैं.’ इतना सब कह देने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ये भी कहते हैं कि उनके इन बयानों को गलत तरीके से न लिया जाए. वैसे कमाल है.. एक तरफ आप #MeToo कैंपेन को आंदोलन बताते हैं तो दूसरी तरफ उसका मजाक बनाते हैं.
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