सलमान लगता है कि आजकल आपको एक्शन फिल्मों से बेहद लगाव हो गया है. ‘टाईगर जिंदा है’ के बाद ‘रेस 3’ भी एक्शन से भरी पड़ी है.
देखिए जब तक फिल्म में रोमांस और एक्शन न हो फिल्म का कोई मायने नहीं है. आपकी फिल्म का एक्शन भले ही कितना शानदार क्यों न हो उसकी आत्मा एक तरह से गायब रहती है क्योंकि एक्शन दिखाने के लिए उसमें रोमांस और इमोशन का होना बेहद जरुरी है. लोगों को लगता है कि फलां फिल्म एक्शन जॉनर की है लेकिन उसको संभालने वाले स्तम्भ रोमांस और इमोशन ही होते हैं.
क्या आपको ड्रामा और सस्पेंस से भरी फिल्में पसंद है?
मुझे ढेर सारा ड्रामा और ढेर सारा सस्पेंस बिलकुल भी पसंद नहीं है. कहने का मेरा मतलब यही है कि ‘रेस 3’ में बहुत सारा ड्रामा और सस्पेंस नहीं है. फिल्म के निर्माता रमेश तौरानी को लगता है कि इस फिल्म में काफी सस्पेंस और ड्रामा है लेकिन मैं ऐसा नहीं सोचता हूं. कुछ सालों पहले तक जो हम म्यूजिकल एक्शन बोनान्जा वाली फिल्में देखते थे ये कुछ वैसा ही है. जब आप फिल्म देखेंगे तो आप गेस वर्क करते जाएंगे. कुछ जगहों पर तीर निशाने पर लगेगा और कुछ जगहों पर नहीं. ये कुछ ऐसा ही है कि आप किसी बच्चे के साथ फुटबॉल खेल रहे हैं और अगर आप पूरे वक्त के लिए बच्चे को आपने फुटबाल दे दिया या फिर आपने खुद ही फुटबाल अपने पास रख लिया तो दोनों ही एक तरह से परेशान हो जाएंगे. इसी की तर्ज पर 60-40 का अनुपात होना चाहिए ताकि दोनों की दिलचस्पी बनी रहे. अब ये भी ठीक नहीं होगा कि हर गेस पर जनता गलत साबित हो.
सलमान आपके बिंदास व्यक्तित्व के पीछे की वजह क्या है?
मुझे पता नहीं है कि इसकी वजह क्या है. मुझे तो यही लगता है कि मैंने अपने आपको कभी भी एक स्टार के रूप में नहीं देखा है. मैं बिलकुल जैसा घर पर रहता हूं वैसे ही बाहर भी रहता हूं. मेरे अंदर किसी तरह का कोई दिखावा नहीं है कि मुझे कोई चीज नाप तोलकर बोलनी है. जैसे पूरा हिंदुस्तान बात करता है वैसे ही मैं भी करता हूं. मेरे दिल में जो आता है वो मैं बोल देता हूं. कुछ चीजें मुझे अच्छी लगती हैं और कुछ चीजें मुझे अच्छी नहीं लगती है लेकिन मैं ऐसा ही हूं. मेरे जीवन में कोई निगेटिविटी नहीं है सिर्फ पॉजिटिविटी ही है. अब कुछ लोग ऐसे हैं जो निगेटिविटी ढूंढ लेते हैं और बाद में उसका अनुचित लाभ भी उठाते हैं सोशल मीडिया और टेलीविजन के माध्यम से. कुछ दिनों तक उनका टीआरपी का खेल चलता रहता है जहां पर वो प्रचार के माध्यम से काफी पैसे कमा लेते हैं. ये पूरा एक तरह से खेल है. पहले के जमाने में दूरदर्शन हुआ करता था जो बेहद ही साफ सुथरा चैनल था, अभी भी है. लेकिन आजकल इतने मीडिया प्लेटफॉर्म आ गए हैं कि आप देख सकते हैं कि सभी की स्पर्धा एक-दूसरे से ही है. अगर शुरू के किसी इंटरव्यू में अगर किसी ने कोई सवाल पूछ लिया है और फिर वही सवाल बार-बार पूछा जाता है तो फिर उस सवाल का कोई मायने नहीं रह जाता है. मुझे पता है कि हर फिल्म की रिलीज के दौरान वही चार-पांच सवाल घूमते रहते हैं, अब जब आप वही सवाल फिर से पूछेंगे तो आपको वही जवाब मिलेगा जो मैंने पहले ही दे दिया है. आप बिना मेरा इंटरव्यू लिए वही पुराना वाला उठा कर छाप दीजिए. इतनी दूर आकर इंटरव्यू करने की भला क्या जरुरत है. लेकिन मैं आप लोगों की मजबूरी समझ सकता हूं.
‘रेस 3’ में इस बार क्या अनूठा है जो इसे ‘रेस’ और ‘रेस 2’ से बेहतर साबित करती हैं. अनिल कपूर से जब हमने ये सवाल किया था तो उन्होंने यही कहा कि सलमान का होना ही ये फिल्म को अलग बनाती है.
फिल्म के निर्माता रमेश तौरानी ने मुझे एक बहुत अच्छी बात कही थी. किसी फिल्म की शूटिंग के दौरान एक फिल्म के निर्देशक थे जो रमेश जी की बात नहीं सुन रहे थे. निर्देशक साहब ने कहा कि रमेश जी मैं इस शिप का कप्तान हूं, ये सुनकर रमेश जी ने बोला कि जिस शिप की आप बात कर रहे हैं मैं उसका मालिक हूं. रमेश जी ने ही पहली और दूसरी ‘रेस’ बनाई थी इसलिए उनका अनुभव ज्यादा है. अब ये भी सही है कि ‘रेस 1’ और ‘रेस 2’ से हम नीचे तो जा नहीं सकते हैं, इस फिल्म के लिए हम को तीन गुना ऊपर जाना पड़ेगा. रमेश जी ने इस फिल्म के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. दूसरी बात ये भी है कि सलमान खान अकेला फिल्म के अंदर कुछ नहीं कर सकता है. जब तक लेखक, निर्देशक, कलाकारों का सहयोग न मिले फिल्म का लेवल ऊपर जा ही नहीं सकता है. अगर आप मुझे किसी फिल्म में अकेला छोड़ दो तो वो फिल्म दो शो भी नहीं चल पाएगी फिल्म बनने की बात तो दूर की है.
आपके पसंदीदा एक्शन सितारे कौन है बॉलीवुड में?
मुझे विनोद खन्ना का एक्शन बेहद पसंद है. इसके अलावा संजू, जैकी, सनी और अमित जी का एक्शन भी मुझे लुभाता है. धरम जी कही पर भी फिट हो जाते थे चाहे वो रोमांटिक फिल्म हो या फिर एक्शन फिल्म हो. मेरी समझ से धरम जी ने जिस तरह से रोमांटिक, कॉमेडी, एक्शन फिल्में की हैं और जिस तरह से उन्होंने एक गांव के गंवार से लेकर सबसे सुन्दर दिखने वाले हैंडसम इंसान का किरदार निभाया है वो अपने आप में काबिले तारीफ है. लेकिन ये भी सोचकर बुरा लगता है कि जो शानदार काम उन्होंने अपने करियर में किया है उसके लिए उनको श्रेय नहीं दिया गया है.
अनिल कपूर के साथ आप ‘बीवी नंबर 1’ और ‘नो एंट्री’ के बाद तीसरी फिल्म में काम कर रहे हैं. आपका और अनिल कपूर का इतने सालों का रिश्ता किस तरह का है?
हमारे फिल्म इंडस्ट्री में जो हीरो का फॉर्मेट होता है उस फॉर्मेट में अनिल कपूर कभी भी फिट नहीं बैठे हैं लेकिन जिस दिन से वो इंडस्ट्री का हिस्सा बने हैं उस दिन से लेकर आजतक वो हर दिन काम करते रहे हैं. जिस तरह से वो खुद की देखभाल करते हैं वो देखने लायक है. इसका राज उनका अनुशासन ही है. उनके अंदर का उत्साह अभी तक मरा नहीं है और अपने काम को लेकर दिलचस्पी अभी तक उनके अंदर है. कभी काली दाढ़ी, कभी सफेद दाढ़ी तो कभी क्लीन शेव, आजकल वो कमाल के रोल कर रहे हैं. वो अपनी फिल्म के लिए कितना पैसा लेते हैं ये मुझे पता है, उतना पैसा नए कलाकार या फिर बड़े सितारे भी नहीं लेते हैं. उनके ऊपर जो भी पैसा जाता है वो एक-एक पाई के हकदार हैं. अगर अमिताभ बच्चन की जगह कोई ले सकता है, तो वो अनिल कपूर ही हैं. जो शुरुआत बच्चन साहब ने ‘मोहब्बतें’ इत्यादि फिल्में करके की थीं, वो सब अनिल कपूर ने अब शुरु कर दिया है. एक समय के बाद हमलोगों को यही सब करना पड़ेगा.
आपने बॉबी देओल को एक तरह से फिल्मी जीवन दान दिया है.
बॉबी ने बहुत मेहनत की है इस फिल्म के लिए. बॉबी के जीवन की सबसे बड़ी ट्रैजेडी अब यही होगी कि अब आगे से वो कभी सुस्त नहीं हो पाएगा. उसको फिल्म के हर फ्रेम में एक अच्छे शेप में दिखना था. बॉबी इस बात को लेकर काफी खुश है और परेशान भी है कि अब रोज उसे जिम में ढाई घंटे बिताने पड़ेंगे. अब उसका जो भी शौक था खाने को लेकर वो अब सब बंद हो जाएगा. उसे अब काफी कड़ा डायट फॉलो करना पड़ेगा. 10-11 दिनों में सिर्फ एक बार वो अपने मन का खाना खा सकता है.
सलमान आप ‘रेस 3’ को डिस्ट्रीब्यूट कर रहे हैं. इसके पीछे की वजह क्या है?
जी हां, हमलोग इस बार ‘रेस 3’ को खुद ही डिस्ट्रीब्यूट कर रहे हैं. हम इसके लिए इरोस से बातचीत भी कर रहे थे लेकिन कुछ हो नहीं पाया. उसके बाद हमने सोचा की हमने इस फिल्म में काफी निवेश किया है और फिल्म में हमारा विश्वास भी है तो क्यों न इस फिल्म को खुद ही डिस्ट्रीब्यूट कर लें. इस बार किसी को पैसे देने नहीं पड़ेंगे, वो पैसे अब हमारे पास ही आएंगे और अगली बार जिस किसी ने पैसे मांगे उसके साथ काम नहीं होगा. ये बड़ी अजीब बात है उनका तो रिस्क भी नहीं हुआ ये किस तरह का बिजनेस होता है. आपने 15 फिल्मों में कमा लिया और फिर एक में गंवा दिया तो आप सीधे घर पहुंच गए. हमे लगा था कि चलो उनको घाटा हुआ है (‘ट्यूबलाईट’ की रिलीज के दौरान) तो पैसे लौटा देते है. लेकिन अगर बीती बात करें और ये पैसे लौटने वाली बात एक तरह से मानक बन जाता है तो बाकी लोग मुझे फांसी पर चढ़ा देंगे.
अब आप पूरी तरह से बिजनेसमैन बन चुके हैं.
मैं बिजनेसमैन नहीं हूं. मुझे अपना काम पता है और वो भी मैं बहुत काम मात्रा में उसे जनता हूं और शुक्र है कि उससे मेरा काम चल रहा है. धीरे-धीरे उसको भी आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी. जितना जानना चाहिए उतनी जानकारी है मुझे लेकिन मैं उसके अंदर घुसता नहीं हूं. इसकी जानकारी रखता हूं कि फिल्म इतने में बिकी है, फिल्म के इतने प्रिंट्स है, कितने थिएटर्स हैं, कितने डिस्ट्रीब्यूटर्स हैं वगैरह. मेरा बैकग्राउंड लिखने का है इसलिए अपने स्क्रिप्ट के चुनाव को लेकर मैं काफी सौभाग्यशाली रहा हूं. उस दौरान भी जब मुझे अच्छी फिल्में ऑफर नहीं होती थीं तब भी मैंने बेस्ट स्क्रिप्ट्स का चुनाव किया था. जब मैंने जागृति और निश्चय जैसी फिल्में की थीं, उस वक्त जो फिल्में मुझे ऑफर की जा रही थीं उसमें से इनकी स्क्रिप्ट्स बेहतर थीं.
आप उन लोगों का करियर संवार देते हैं जिनके बारे में ये कहा जाता है कि उनका करियर खत्म हो चुका है. ये आप कैसे कर लेते हैं?
देखिए कोई भी खत्म होता नहीं है. मुझे नहीं लगता है कि कोई खत्म होता है. आदमी गिरने के बाद ही उठता है लेकिन उसको पता होना चाहिए कि वो गिर गया है. ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो गिर जाते हैं लेकिन उनको पता ही नहीं होता है कि वो गिरे हुए हैं. उनको यही लगता है कि बिना कुछ किए उनका टाइम अच्छा होने वाला है. लेकिन उसके लिए आपको ढेर सारी मेहनत करनी पड़ती है. और जो लोग गिरते हैं न वो हमारी वजह से ही गिरते हैं मुझे नहीं लगता है कि ऊपर वाला किसी को गिराना चाहता है. लेकिन कई बार आप ढीले हो जाते हैं काम में आपका मन काम हो जाता है आप गलत फिल्में साइन कर लेते हैं.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.