बॉलीवुड में हर साल कई बड़ी फ़िल्में रिलीज होती हैं लेकिन इस 18 जनवरी को पिया सुकन्या के निर्देशन में बनी फिल्म 'बॉम्बेरिया' रिलीज होने जा रही है. फिल्म बहुत ही खास है क्योंकि इस फिल्म में 54 जाने माने सितारे एक साथ काम करते नजर आने वाले हैं. हाल ही में पिया से इस फिल्म को लेकर हमने खास बात चीत की हैं. जहां उन्होंने हमें फिल्म से जुड़ी कई खास बातें बताई हैं.
फिल्म का नाम इतना अलग सा क्यों है और 'बॉम्बेरिया' मतलब होता क्या है ?
पिया - 'बॉम्बेरिया' एक बनाया हुआ शब्द है, जिसका इजाद मेरे पति माइकल वार्ड ने किया है. इस नाम को सुनते ही मुझे बहुत हंसी आई , फिर मैंने इसका मतलब जानने की कोशिश की. जिसके बाद हमें बेरिया का मतलब पता चला की '' एक ऐसा व्यक्ति जिसे आप प्यार करते हैं लेकिन वो आपका दुशमन हो'' जिसके बाद हमने सोचा की हमारी फिल्म भी मुंबई से जुड़ी है और ये एक कॉमेडी मिस्ट्री भी है, सारी चीजे मिल रही थीं तो हमने इसका नाम 'बॉम्बेरिया' रखा दिया.
इस फिल्म में 54 अलग किरदार हैं इतने किरदारों के साथ काम करने का आपका अनुभव कैसा रहा ?
इस फिल्म में इन सभी के साथ काम करने में मुझे बहुत मजा आया, लेकिन फिल्म की शूटिंग के दौरान मैंने किसी को भी एक स्टार की तरह ट्रीट नहीं किया, इसके साथ ही सभी ने मेरा बहुत साथ दिया. फिर चाहे वो राधिका आप्टे , रवि किशन , शिल्पा शुक्ल हो सभी ने मेरा साथ बहुत अच्छे से काम किया. मैंने फिल्म के सेट पर किरदारों को पैदा किया है. जिस वजह से मुझे सभी के साथ 54 किरदारों पर एक तरह से काम करना था. और इस काम को करते हुए मुझे बहुत आनंद आया. इसके साथ ही जब एक्टर्स आप पर भरोसा करते हैं और कहते हैं कि आप बोलिए क्या करना है. तब बहुत अच्छा लगता है. एक दिन क्लाइमेक्स के शूट के दिन मेरे सेट पर 14 एक्टर्स थे वो दिन बहुत कमाल का था. मैं आपको बता नहीं सकती. लेकिन हमने सब काम संभाला और सब अच्छे से निपट गया. इस फिल्म के प्रोड्यूसर आपके पति माइकल वार्ड हैं, उनके साथ काम करना कैसा रहा ?
( मुस्स्कुराते हुए ) ये बहुत ही निजी सवाल पूछ लिया अपने लेकिन उनके साथ काम करना बहुत कमाल का अनुभव रहा. माइकल और मैंने इस फिल्म पर जमकर काम किया है. इस दौरान हमारे झगड़े भी हुए. लेकिन जब हम घर लौटे तो एक हो गए. लेकिन मैंने ऐसा कई बार सुना है कि एक दूसरे के साथ काम करने वाले शादीशुदा जोड़ियां आपस में मिल भी नहीं पाती हैं, झगड़े तलाक तक पहुंच जाते हैं. लेकिन मेरे और माइकल के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ हम रोज मिलते हैं और खूब काम करते हैं.
इस फिल्म से मनोरंजन के अलावा दर्शकों को क्या मिलेगा ?
मेरी फिल्म 1 घंटे के 54 मिनट की है और इतनी देर में आप 54 अलग किरदारों से मिलते हैं. हाल ही में मेरी फिल्म की पहली स्क्रीनिंग दिल्ली में हुई. जहां मेरी फिल्म को कई दर्शकों ने देखा. मेरी फिल्म गवाह को सुरक्षा देने की भी बात कहती है. जिसे भारत में अब बड़े तरह से लाने की बात की जा रही है. जो अभी पूरी तरह से आया नहीं है. हमारी फिल्म उस मुद्दे पर भी रौशनी डालने का काम करती है. दिल्ली में हमारी फिल्म देखकर सभी को बहुत मजा आया. फिल्म को कई न्यायतंत्र के लोगों में भी देखा, उन्हें फिल्म के सस्पेंस में खूब मजा आया. इसके साथ ही लोगों ने बहुत ठहाके भी लगाए.
नए बच्चे जो अभी निर्देशन की दुनिया में कदम रख रहे हैं, और जो हैं इस लाइन में उन्हें आप क्या संदेश देना चाहेंगी जो खुद फिल्म बनाना चाहते हैं आपकी तरह ?
फ़िल्में बनाना आसान नहीं है, लेकिन अगर आप शुरू करते हो तो वो करो या मरो का समय होता है. क्योंकि मुंबई के वर्सोवा और लोखंडवाला में कई फ़िल्में घूम रही हैं, जो कभी बनी नहीं. फिल्म सोचना और बनाना बहुत अलग काम है. चलो फिल्म बन भी गई अब रिलीज हो रही है, नहीं हो रही है. यह भी होता है. जो बिल्कुल भी मजाक नहीं है. आपको अपना बोन मेर्रो तक देने की नौबत आ सकती है, अगर आप सोचते हैं कि आप फिर भी यह झेल जाएंगे तो शौक से फिल्म बनाइए वरना आपको दिक्कत आ सकती है. बहुत कम लोग ही यहां तक पहुंच पाते हैं.
पिया की फिल्म 'बॉम्बेरिया' 18 जनवरी को रिलीज होने वाली है.
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