पद्मावती फिल्म के निर्माता को सेंसर बोर्ड की तरफ से बड़ी राहत मिली है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीबीएफसी की जांच कमेटी ने 28 दिसंबर को पद्मावती का रिव्यू किया. जिसके बाद फिल्म को कुछ बदलाव के साथ यूए सर्टिफिकेट देने का फैसला किया है और फिल्म का नाम 'पद्मावत' भी किया जा सकता है.
Central Board of Film Certification had examining committee meeting on 28 Dec to review #Padmavati & decided to give it UA certificate along with some modifications & likely change of the title to Padmavat. Certificate to be issued once required & agreed modifications are made. pic.twitter.com/tiFIW2gDGD
— ANI (@ANI) December 30, 2017
साथ ही ये भी कहा गया कि जब जरूरत पड़ेगी उस समय पर सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा और जिन पर सहमति बनी हैं वो बदलावों कर दिए गए हैं. सेंसर बोर्ड का कहना है कि समाज और फिल्म निर्माता दोनों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया है.
Central Board of Film Certification had examining committee meeting on 28 Dec to review #Padmavati & decided to give it UA certificate along with some modifications & likely change of the title to Padmavat. Certificate to be issued once required & agreed modifications are made. pic.twitter.com/tiFIW2gDGD
— ANI (@ANI) December 30, 2017
सीबीएफसी ने फिल्म को सर्टिफिकेशन देने से पहले एक एक्सपर्ट पैनल को फिल्म दिखाई. सूत्रों के मुताबिक, एक्सपर्ट पैनल ने पद्मावती फिल्म में कई चीजों को लेकर ऐतराज जताया है. इस पैनल में उदयपुर के अरविंद सिंह और जयपुर विश्वविद्यालय के डॉ.चंद्रमणि सिंह और प्रोफेसर के.के. सिंह शामिल थे.
Special panel consisted of Arvind Singh from Udaipur, Dr.Chandramani Singh & Prof K.K. Singh of Jaipur University. Panel member had insights & also some reservations regarding claimed historical events & socio-cultural aspects which were duly discussed at length: CBFC #Padmavati
— ANI (@ANI) December 30, 2017
गौरतलब हे कि फिल्म 18 दिसंबर को रिलीज़ होनी थी मगर भारी विरोध के चलते अभी तक नहीं हो पाई.
दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर की इस फिल्म पर शूटिंग के समय से विवाद चल रहा है. पिछले साल इस फिल्म के सेट पर निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ भी मारपीट हुई थी.
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Dec 30, 2017
सीबीएफसी के बोर्ड के सदस्य वाणी त्रिपाठी टीकू ने कहा कि पद्मावती को लेकर लोग कृप्या अब अफवाह फैलाना बंद करें. सीबीएफसी ने यूए सर्टिफिकेट के लिए किसी कट के लिए नहीं कहा है बल्कि निर्माताओं की सहमति से सिर्फ टाइटल में बदलाव और कुछ बदलाव के लिए कहा. अब यह विवाद खत्म है और फिल्म को रिलीज होने दें उसके बाद ही इसे जज करें
फिलहाल सेंसर बोर्ड की प्रक्रिया चल रही है. इस मामले पर नए साल में पूरी जानकारी आ सकती है.
फिल्म देखने वाले पैनल में राजा अरविंद सिंह, उदयपुर, जयपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के.के. सिंह और डॉ. चंद्रमणि सिंह भी शामिल थे. अब इंतजार इस बात का है फिल्म जनवरी में ही रिलीज कर दी जाएगी या इसके लिए लंबा इंतजार करना होगा.
पहलाज निहलानी ने कहा कि फिल्म को सीबीएफसी द्वारा साइडलाइन कर दिया गया. यह सेंसर बोर्ड की विश्वनीयता के उपर सवाल खड़ा करता है. कट्स की वजह से निर्माताओं को भारी नुकसान हुआ.
सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने पद्मावती विवाद पर कहा कि इस फिल्म को देखने से पहले ही इस वेवजह विवाद खड़ा किया गया और कुछ लोगों और राजनीतिक पार्टियों द्वारा कुछ राज्यों में विरोध की वजह से सेंसर बोर्ड ने फैसला पहले ही ले लिया था
सीबीएफसी की जांच कमेटी ने 28 दिसंबर को पद्मावती का रिव्यू किया. जिसके बाद फिल्म को कुछ बदलाव के साथ यूए सर्टिफिकेट देने का फैसला किया है और फिल्म का नाम 'पद्मावत' भी किया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार फिल्म में 26 कट्स किए गए हैं
सेंसर बोर्ड द्वारा पद्मावती के नाम को बदलकर पद्मावत करने के बावजूद करणी सेना का कहना है कि वो फिल्म का विरोध जारी रखेगी. और हर सिनेमा हाल के बाहर इस फिल्म के प्रदर्शन को रोकने के लिए उसके समर्थक मौजूद रहेंगे