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जन्मदिन विशेष : अमिताभ बच्चन को कैसे मिली थी उनकी पहली फिल्म?

सदी के महानायक आज 75 साल के हो गए हैं जानिए उनकी जिंदगी के कुछ दिलचस्प तथ्य

Updated On: Oct 11, 2017 11:15 AM IST

Abhishek Srivastava

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जन्मदिन विशेष : अमिताभ बच्चन को कैसे मिली थी उनकी पहली फिल्म?

अमिताभ बच्चन इस सदी के महानायक वाकई में हैं, इस बात के लिए अब उन्हें किसी भी तरह के प्रमाण की जरुरत नहीं है. 75 साल की उम्र में भी अगर किसी अभिनेता के सिर बेस्ट एक्टर का सेहरा बंधता है तो वो इसी बात का सबूत है कि खूबियां उसके अंदर कूट-कूटकर भरी हुई हैं.

आज के जमाने में जब सितारे अपनी फिल्मों की रिलीज तारीख महज इसलिए आगे बढ़ा देते हैं कि उनकी फिल्म का टकराव किसी और फिल्म से ना हो तब अमिताभ बच्चन के फिल्मों का स्टारडम उनके लिए नायाब उदाहरण साबित होता है.

एक साथ रिलीज हुईं कई फिल्में

जब अमिताभ 70 के दशक में पूरे उफान पर थे तब उनकी फिल्में एक दूसरे से टकराती थीं. अगर किसी सिनेमाहॉल में मुकद्दर का सिकंदर चल रही हो तो बिल्कुल उसके बगल के हॉल में आप परवरिश देख सकते थे और उससे कुछ दूरी पर डॉन. ऐसा करिश्मा और किसी सितारे के करियर में पहले कभी देखने को नहीं मिला.

सत्यजीत रे

सत्यजीत रे

सत्यजीत रे के साथ नहीं कर पाए फिल्म

अमिताभ बच्चन के कमर्शियल फिल्मों के संसार पर तो ढेर सारे लेख लिखे गए हैं लेकिन अगर बात अमिताभ बच्चन और सत्यजीत रे के बारे में हो तो कौतुहल का माहौल पूरी तरह से पैदा हो जाता है. लेकिन साथ ही साथ दोनों को एक मंच पर लाने की बात अटपटी भी लगती है. लेकिन ये सच है कि दोनों एक दूसरे के साथ कई बार काम करते-करते रह गये. सत्यजीत रे अमिताभ बच्चन को अपनी कई फिल्मों में लेना चाहते थे लेकिन जब अमिताभ बच्चन को उनकी फिल्मों के पारिश्रमिक के बारे में पता चलता था तब वो अपने कदम खींच लेते थे. सत्यजीत रे की पत्नी बिजॉय रे ने अपनी किताब मानिक एंड आई में इसके बारे मे उल्लेख किया है. Amitabh Bachchan

अमिताभ को महंगा स्टार मानते थे सत्यजीत रे

जया बच्चन ने सत्यजीत रे की पत्नी बिजॉय रे को ये बात कई बार बोली थी की अगर मानिक दा किसी फिल्म में अमिताभ को लेना चाहें तो उनको इस बात की बेहद खुशी होगी. लेकिन जब सत्यजीत रे को उनके पारश्रमिक के बारे में पता चला तो उन्होंने यह बात किसी से नहीं छेड़ी. मानिक दा का मानना था कि बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री हिंदी फिल्म इंडस्ट्री जैसी बड़ी नहीं है और वो अमिताभ बच्चन के महंगे मेहनताना का बोझ नहीं उठा पाएंगे.

फिल्म में दी थी अपनी आवाज

जब जया बच्चन को ये बात पता चली तब उन्होंने मानिक दा से गुजारिश की थी कि ऐसी बात वो ना कहें, क्योंकि उनके साथ काम करना अपने आप में एक अलग सम्मान होगा. उन्होंने मानिक दा को इस बात का भी भरोसा दिलाया था कि अमिताभ इतने पैसों की डिमांड नहीं करेंगे. लेकिन इसके बावजूद अमिताभ बच्चन और सत्यजित रे का फिल्मी पर्दे पर मिलना सार्थक नहीं हो पाया. लेकिन ये भी सच है की अमिताभ बच्चन सत्यजीत रे के निर्देशन में भले ही कोई बांग्ला फिल्म ना कर पाए हो लेकिन उन्हीं के निर्देशन में उनकी पहली और आखिरी हिंदी फिल्म शतरंज के खिलाड़ी में अपनी कमेंट्री ज़रूर दी थी.

amitabh

सात हिंदुस्तानी में मिला रोल

मानिक दा की भूमिका अमिताभ बच्चन की जिंदगी में उनकी पहली फिल्म से ही है. अगर किसी को ये बताया जाए कि अमिताभ बच्चन को उनकी पहली फिल्म सात हिंदुस्तानी अप्रत्यक्ष तरीके से सत्यजीत रे की वजह से मिली थी तो यह किसी को भी आश्चर्य में डाल सकता है. इसके पीछे की कहानी ये है की अमिताभ बच्चन को जो रोल फिल्म सात हिंदुस्तानी में मिला था वो उनके पहले उनके मित्र टीनू आनंद करने वाले थे.

Rajnikanth Amitabh Bachchan

लेकिन उन्हीं दिनों टीनू आनंद के पिता ने उनके निर्देशन के प्रति रूचि देखकर तीन ऐसे लोगों से बात कर ली थी जो निर्देशन की दुनिया के बेताज बादशाह थे. राज कपूर, फेडरिको फेलिनी और सत्यजीत रे के बीच टीनू आनंद को कोई एक चुनना था. जब टीनू आनंद ने निर्देशन की बारीकियों को सीखने के लिए सत्यजीत रे का हाथ पकड़ा तब अमिताभ बच्चन को उनकी फिल्म नसीब हुई.

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