मां बनने के बाद करीना कपूर पहली बार रुपहले पर्दे पर फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ से एक बार फिर दर्शकों से रू-ब-रू होंगी. उनकी आने वाली इस फिल्म को लेकर उन्होंने हिंदी फर्स्टपोस्ट से बातचीत की.
करीना, जिस तरह की फिल्में आप कर रही हैं उसको देखकर यही लगता है कि चीजें बॉलीवुड में बदलने लगी हैं. सबसे पहले ‘उड़ता पंजाब’ और अब ‘वीरे दी वेडिंग’. लगता है कि आपके लिए सोलो फिल्म अब पुरानी बात हो चुकी है?
मेरी समझ से ये फिल्म थोड़ी अलग है क्योंकि इस फिल्म की भाषा काफी अलग है. इस तरह की फिल्म मैंने अपने फिल्मी करियर में पहले नहीं की है. एक ऐसी फिल्म जिसमें मेरे अलावा तीन और भी अभिनेत्रियां हैं और कहानी ऐसी कि जो वास्तविकता के बेहद करीब है. इस फिल्म का थोड़ा अलग स्पेस है बावजूद इसके की ये कमर्शियल फिल्मों के मापदंड पर पूरी तरह से खरी उतरती है. हमेशा कोशिश इसी बात की होनी चाहिए कि कुछ अलग होना चाहिए और ‘वीरे दी वेडिंग’ उसी की एक कड़ी है.
जब आपको फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ने के लिए दी गई थी तब किस बात ने आपको सबसे ज्यादा आकर्षित किया था?
मेरी समझ से इस फिल्म का जो पूरा आइडिया है कि एक फिल्म जो चार महिला दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है. ‘दिल चाहता है’ और ‘जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा’ के बाद हमने कुछ भी नहीं किया और ये बात भी कहना जरूरी हो जाता है कि वो दोनों ही फिल्में पुरुषों के दृष्टिकोण से थीं लेकिन मेरी समझ से एक ऐसी फिल्म जो चार महिला दोस्तों के ऊपर आधारित हो और जो फिल्म की मुख्य किरदार हो ये अपने आप में काफी अलग है.
फिल्म में कोई मुख्य पुरुष किरदार नहीं है ये बात सुनकर आपने कुछ अलग महसूस किया था?
देखिए शूटिंग करते वक्त हमे बहुत मजा आया क्योंकि हमने अपना मनोरंजन खुद ही किया. हमने फिल्म की शूटिंग अनुभव को ही काफी मनोरंजित कर दिया था. सबसे ज्यादा रोमांच तो इसी बात का था कि हम इस तरह की विषय वस्तु की फिल्म पर काम कर रहे थे. हमने इस फिल्म को शुरू करने के पहले लगभग डेढ़ साल इंतजार किया लिहाजा जब हम चारों सेट पर आए तो हम सभी अप्रत्याशित रूप से उत्साहित थे.
आपने फिल्म में कालिंदी का किरदार निभाया है. क्या आप इस किरदार से खुद को करीब पाती हैं?
नहीं, मेरी समझ से कालिंदी, करीना से काफी अलग है. मैंने हमेशा से प्रेम में विश्वास किया है लेकिन कालिंदी के अंदर कमिटमेंट को लेकर काफी डर है. मैं एक बेहद ही प्रैक्टिकल इंसान हूं और जिंदगी से क्या चाहिए इस बात की जानकारी है मुझे. मेरी जिंदगी पूरी तरह से मेरे हाथ में हैं लेकिन कालिंदी को लेकर आप यही बात नहीं कह सकते हैं.
करीना, इतने साल फिल्म जगत में काम करने के बाद आप अब तक कुछ एक बेहद ही शानदार फिल्मों की हिस्सा रही हैं. आपको क्या लगता है अभी भी कुछ हुनर दर्शकों को दिखाना है?
नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता है कि एक अभिनेता कभी भी पूर्ण हो सकता है. ऐसा मैं इसलिए कह रही हूं क्योंकि अच्छा काम करने की भूख आपके अंदर से कभी भी नहीं जाएगी और इसलिए आप कभी भी संतुष्ट नहीं हो सकते. दर्शकों को भी ऐसा ही होना चाहिए.
इस तरह की फिल्मों यानि की चार अभिनेत्रियों वाली फिल्मों का भी मार्केट अब खुल गया है इस पर आप क्या टिप्पणी करना चाहेंगी?
जी बिलकुल, आजकल के जमाने में अलग फिल्मों को भी दर्शक पसंद करने लगे हैं. हकीकत यही है कि हम कोशिश कर रहे हैं कि इस तरह की और फिल्में बनें और दर्शकों को हम कुछ हमेशा नया दें. जाहिर सी बात है कि इसमें कुछ फिल्में सफल होंगी और कुछ फिल्में सफल नहीं होंगी लेकिन फिर भी इस तरह की फिल्मों को बनाना उसी कोशिश में एक कदम है.
जब एक बेहद ही खूबसूरत फिल्म जिसमें बेहद ही शानदार कपड़े और सेट वगैरह पीछे दिखाई देते हैं तो क्या अभिनय करने में दिक्कत होती है?
नहीं, ऐसा बिलकुल नहीं है. जिन-जिन लोकेशंस पर हम फिल्म की शूटिंग कर रहे थे और जो कपड़े इत्यादि हमने शूटिंग के दौरान पहने थे वो सभी कुछ किरदार को और मजबूती प्रदान करने में सहयोग दे रहे थे. मुझे पता नहीं कि इस सवाल का जवाब कैसे देना चाहिए. कलाकारों के पीछे जो कुछ भी आपको नजर आता है वो सभी कुछ कहानी के ही हिस्से होते हैं. ये रुकावट बिलकुल नहीं है बल्कि इससे कलाकारों को मदद मिलती है.
फिल्म जगत के बारे में ऐसा कहा जाता है कि अक्सर अभिनेत्रियां दूसरे अभिनेत्रियों के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करने में हिचकिचाती हैं. इसके पीछे की हकीकत क्या है? किसी किस्म की असुरक्षा छुपी रहती है क्या?
सच तो यही है कि रानी मुखर्जी के साथ मैंने तीन फिल्मों में काम किया है. ‘अजनबी’ जो कि मेरे करियर के शुरुआत में आई थी उसमें भी काम किया था. मैंने प्रियंका चोपड़ा के साथ काम किया है ‘ऐतराज’ में जो उनकी दूसरी फिल्म थी. मुझे नहीं लगता है कि इस बात में कोई सच्चाई है. ये सब कुछ स्क्रिप्ट पर निर्भर करता है कि जो स्क्रिप्ट्स आपको दिए जाते हैं उसमें से आप किसको पसंद करते हैं.
अभिनेत्री होने के साथ-साथ अब आप एक मां भी हैं. घर के काम और शूटिंग के बीच आप सामंजस्य कैसे बनाती हैं?
मैं मल्टीटास्क कर लेती हूं.
करीना, कई बार अभिनेत्रियां जब प्रेग्नेंट हो जाती हैं तो हमने अक्सर ऐसे किस्से सुने हैं कि फिल्म में उनके बदले किसी और को ले लिया जाता है. लेकिन इस फिल्म के लिए इससे जुड़े जो निर्माता हैं उन्होंने आपके लिए डेढ़ साल तक इंतजार किया जो अपने आप में सुनने में अच्छा लगता है. क्या आपको लगता है कि आजकल के जो निर्माता हैं और जो अभिनेता हैं वो थोड़े बदले हुए हैं?
देखिए उन्होंने मेरा इंतजार किया क्योंकि मैंने स्क्रिप्ट में अपना भरोसा दिखाया था. जैसे ही मैंने फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ी थी मैंने तुरंत उत्साह में रिया कपूर को फोन किया था. स्क्रिप्ट पढ़कर यही लगा कि ऐसा कुछ मैंने अपने करियर में पहले नहीं किया है. जब निर्माता और निर्देशक इस तरह की स्क्रिप्ट लेकर आते हैं तब फिल्म के कलाकार भी उनको अपना समर्थन देने की पूरी कोशिश करते हैं. आप ‘उड़ता पंजाब’ का ही उदाहरण ले लीजिए जिसमें सभी मेनस्ट्रीम कलाकार थे. ये एक ऐसी कहानी थी जिसे पर्दे पर लाना बेहद जरूरी था क्योंकि ये पंजाब के ड्रग्स परेशानी के ऊपर थी. शाहिद, आलिया और मैंने इसमें काम किया था. इसके अलावा दिलजीत पंजाब में बहुत बड़े सुपरस्टार हैं. अगर आप एक कमाल की स्क्रिप्ट लेकर किसी भी कलाकार के पास जाएंगे तो वो उसमें काम करने के लिए किसी भी हद तक जाएगा और इससे निर्माता और निर्देशक को काफी बल भी मिलता है.
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