आपने अपनी पहली दो फिल्मों में आमिर खान के साथ काम किया है और मैंने सुना है कि आप उनकी तरह बनना चाहती हैं ?
एक एक्टर के रुप में वे अपने काम को लेकर बहुत पैशनेट हैं, डेडिक्टेड (समर्पित) हैं, वे निश्चित ही परफेक्शनिस्ट हैं. इसलिए, यह बात बिना शक-सुब्हे के कही जा सकती है कि हां, मैं उनकी तरह बनना चाहती हूं.
आमिर खान से पहली दफा आपकी मुलाकात कब हुई ?
इन सारी बातों की शुरुआत स्कूल से हुई, तब मुझे कन्या भ्रूणहत्या (फीमेल फिटिसाइड) के विषय पर आधारित के नाटक में काम करने के लिए चुना गया था. वैसे तो मुझे हमेशा ही भीड़ से डर लगता आया है क्योंकि ‘लोग क्या कहेंगे’ ऐसा सोचकर मुझे चिन्ता लगी रहती है लेकिन नाटक के दौरान मेंरी प्रिन्सिपल को लगा कि मैं अभिनय कर सकती हूं और निजी तौर पर मुझे भी लगा कि मैं भीड़ का सामना कर सकती हूं.
मुकेश छाबड़ा की ऑफिस का एक कास्टिंग डायरेक्टर हमारे स्कूल आया और तभी इन बातों की शुरुआत हुई. दूसरे ऑडिशन के वक्त 19 और लड़कियां शिरकत कर रही थीं और उसी वक्त आमिर खान से मेरी पहली बार मुलाकात हुई. वे एकदम से गेंद की तरह लुढ़के चले आ रहे थे, बिना किसी दिखावे के, बिल्कुल शांत और सीधे-साधे अंदाज में. उनके सामने परफार्म करते समय हमेशा की तरह मैं अपना डॉयलाग भूल गई और मुझे लगा कि मेरा ऑडिशन बेहतरीन नहीं हैं. मुझे पक्का लग रहा था कि मेरा चयन नहीं होगा क्योंकि मैं बहुत नर्वस थी और फिर एक्टिंग के बारे में मैं बहुत कुछ जानती भी नहीं थी.
क्या एक्टिंग का अब आपको चस्का लग गया है ?
एक्टिंग मेरे लिए हकीकत से भागने का एक जरिया है. एक्शन ! सेट पर जैसे ही ये लफ्ज मुझे सुनायी देता है और मैं कैमरे की लेंस के आगे होती हूं तो यह आजादी के अहसास की तरह जान पड़ता है.
आपने कहा ‘हकीकत से भागने का जरिया’, ऐसा क्यों ?
हां, ऐसा ही है. मैं कोई बहुत प्रतिभाशाली एक्टर नहीं हूं, मैं हमेशा किसी किरदार के भीतर उतर जाऊं और अभिनय करने लगूं ऐसा मेरे साथ नहीं होता. मैं बहाना नहीं कर सकती, एक्टिंग करते वक्त मैं अपने जज्बातों को सामने लाती हूं.
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मुझे इन्सिया के बारे में बताइए, वह आपसे कैसे मिलती-जुलती या फिर आपसे अलग है ?
वह 14 साल की है और बड़ौदा से है, उसके खूब सारे सपने और महत्वाकांक्षाएं हैं. वह अपनी मां के असर में है. मेरे और उसके बीच एक बड़ा फर्क है कि वह बड़ी प्रतिभाशाली गायिका है जबकि मैं हकीकत में ऐसा नहीं हूं. वह चाहती है कि उसका सम्मान हो और इसके लिए संघर्ष करती है जैसा कि पूरी फिल्म से जाहिर है और इसी कारण उसके किरदार तथा माहौल से राब्ता बनाना मुझे चुनौती भरा लगा. यह मुश्किल काम था क्योंकि मेरा लालन-पालन एक ऐसे परिवार में हुआ जहां बेटी को एकदम रानी की तरह प्यार-दुलार मिलता है. मुझे खूब लाड़-दुलार मिला है. मां-बाप ने मुझे खूब बढ़ावा और सहयोग दिया है कि जो मेरे जी में आता है मैं वह करुं.
आपकी मां आपके साथ ही सफर करती हैं लेकिन आपके पिता की क्या प्रतिक्रिया रहती है ?
हालांकि मेरे मां-बाप इसे मेरे सामने जाहिर नहीं करते और अक्सर सराहना करते हैं लेकिन उन्हें मुझपर बहुत गर्व है. इन दिनों वे तकरीबन हर किसी को मेरा वीडियो दिखाते चलते हैं और उसे बताते हैं कि मैं फिलहाल क्या कर रही हूं.
आपके आस-पास के माहौल में क्या बदलाव आया है ?
माहौल तो पहले की ही तरह है. बस इतना भर फर्क आया है कि अब मैं बाहर जाती हूं तो लोग बहुत लाड़-प्यार जताते हैं जो कि दिल को छू जाने वाला होता है.
बहुत से कश्मीरी बच्चे आपकी तरह बनना चाहते हैं तो आप उन्हें क्या कहना चाहेंगी ?
मैं इस विचार से सहमत नहीं कि लोग प्रेरणा के लिए मुझे या मेरे सफर की ओर देखें. मैं चाहती हूं वे जीवन के अपने अनुभवों से गुजरें और अपने खोजे रास्ते पर चलें. अगर वे वह सबकुछ करना चाहते हैं जो मैंने किया है तो उनका मोहभंग हो सकता है क्योंकि हर इंसान अलग होता है और हर किसी के लिए दाव एक जैसा साबित नहीं होता.
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सपनों से भरे लोगों को देखकर बहुत अच्छा लगता है. यह सोचकर बड़ी खुशी होती है कि मैंने लोगों के भीतर विश्वास की एक लौ जलायी है लेकिन मैं चाहती हूं लोग अपनी तरह से अपने मकसद को हासिल करें, इसके लिए मेरी तरफ ना देखें.
चूंकि अब आप सेलिब्रेटी बन गई हैं तो अपनी जिंदगी के किस हिस्से के बारे में चाहती हैं कि लोग उसे जानें ?
मेरी जिंदगी में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे लेकर मैं चाहूं कि उसे लोगों को जानना चाहिए. मैं बहुत रिजर्व्ड हूं और साथ ही एक खुली किताब की तरह भी हूं. कुछ ऐसी बातें हैं जो मैं अपने बारे में कभी नहीं बताऊंगी और कुछ ऐसा भी है जो मैं बताऊंगी. साथ ही, मैं कभी नहीं चाहती कि लोग मुझे लेकर किसी अफसोस में पड़ें.
जो अभिभावक सीक्रेट सुपरस्टार की इन्सिया के मां-बाप की तरह हैं उन्हें आप क्या कहना चाहेंगी ?
मैं जानती हूं कि बहुत से परिवारों का बर्ताव वैसा ही है जैसा कि इन्सिया के परिवार का और मैं उन्हें यही कहना चाहूंगी कि वे अपनी बेटियों को वह मौका जरुर दें जिसकी वे हकदार हैं.
आपको बोर्ड के रिजल्ट में 90 फीसद अंक मिले तो आप पढ़ाई को लेकर क्या सोचती हैं और एक्टिंग तथा पढ़ाई-लिखाई के बीच तालमेल कैसे बैठाती हैं ?
शिक्षा मेरे लिए किसी भी बात से कहीं ज्यादा अहमियत रखती है, वही मेरी प्राथमिकता भी है. मैंने आर्ट्स लिया है और मैं इसकी पढ़ाई का अपनी एक्टिंग के साथ जैसे अभी तक तालमेल बैठाते आयी हूं वैसे ही आगे भी बैठाऊंगी. मुझे जम्मू, मुंबई और श्रीनगर के बीच आवाजाही करनी पड़ रही है. मैं जानती हूं कि मुझे सहयोग और समर्थन देने वाले लोग हैं वे ऐसा करेंगे ही क्योंकि उनके पास इसके सिवा और कोई चारा नहीं है.! क्या आप विदेश जाकर एक्टिंग की पढ़ाई करना चाहती हैं ?
एक्टिंग की स्टडी करने की मेरी कोई मंशा नहीं है. चीजें जैसी हैं उन्हें वैसा ही रखते हुए मैं योजना बनाती हूं और मैं चाहूंगी कि अनुभव ही मेरा रहबर साबित हो.
शूजीत सरकार फिल्मों में बच्चों से एक्टिंग कराने के खिलाफ हैं. इस बात पर आपका क्या कहना है ?
मै भी मानती हूं, अब यह मां-बाप पर निर्भर है कि वे सोचें कि एक्टिंग करना बच्चों के लिए अच्छा है बुरा. एक बात यह भी है कि बहुत सारे सुपर टैलेन्टेड बच्चे हैं और उन्हें मंच मिलना चाहिए.
लगता है, आप धुन की पक्की हैं इंसान हैं?
दरअसल मैं बहुत संवेदनशील हूं और अक्सर मुझे आस-पास के लोगों के साथ हमदर्दी महसूस होती है. मुझे इस बात का बड़ा डर रहता है कि कहीं उन्हें मुझसे कोई चोट ना पहुंचे. मैं लोगों को हमेशा अपने ऊपर तरजीह देकर चलती हूं. अगर किसी को कभी मुझसे चोट पहुंचती है तो मैं लाख दफे माफी मांगती हूं, इतनी बार कि फिर मेरे पास माफी मांगने के लिए कोई शब्द नहीं रह जाते.
आपके फैन से जुड़ा कोई वाकया ?
गोरखपुर से मुझे किसी ने लव-लेटर भेजा. यह शुद्ध हिन्दी में लिखा हुआ था. हालांकि अच्छी बात ये थी कि इसमें मुझे सिर्फ बढ़ावा देने वाली बात कही गई थी. लिखा था कि अपने भीतर की भय-भावना के आगे झुकना मत, आगे बढ़ते जाना.
क्या सोशल मीडिया पर आने का कोई इरादा है ?
फिलहाल तो नहीं है, क्योंकि मैं सोशल मीडिया को लेकर बहुत उत्साहित नहीं हूं और फिर यह ऐसी चीज है कि इसके बिना भी मेरा काम चल सकता है. एक बात यह भी है कि सोशल मीडिया पर मेरे कोई बहुत ज्यादा दोस्त नहीं हैं.
जो लोग नफरत फैलाते हैं उन्हें आप क्या कहना चाहती हैं ?
मैं उनसे बस यही पूछना चाहती हूं कि वे नफरत क्यों फैलाते हैं और ऐसा करके उन्हें सचमुच क्या हासिल होता है ?
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