छोटे पर्दे की महारानी, कंट्रोवर्सी क्वीन, स्टारमेकर ना जाने एकता कपूर के और कितने नाम हैं. लेकिन तमाम शोहरत के बावजूद खुद एकता कपूर को अपने पापा जितेंद्र की बेटी कहलाना ही पसंद है.
एकता अपने पापा को लेकर बचपन से ही काफी पजेसिव हैं. उनके भाई अभिनेता तुषार कपूर का कहना है कि बचपन में जब कोई महिला पापा के आसपास भी नजर आती थी तो एकता काफी गुस्से में आ जाती थी.
कई बार ऐसा भी हुआ कि एकता ने जीतू जी के पास बैठी महिला के बाल तक नोंच लिये. फिल्मों में पापा को अभिनेत्रियों के साथ रोमांस करते देख एकता खूब रोती थी.
दरअसल उन्हें अपनी मां शोभा कपूर के अलावा जीतू जी के साथ किसी और को देखना बिलकुल पसंद नहीं था. एकता कपूर की मानें तो पापा को लेकर वो आज भी उतनी ही पजेसिव हैं.
बड़े दर्शक वर्ग को छोटे पर्दे से जोड़ा
7 जून, 1975 को जन्मी एकता कपूर ने छोटे पर्दे को एक ऐसा चेहरा दिया जिसने आगे चलकर बडे पर्दे के लिए गंभीर चुनौती पेश कर दी.
90 के दशक में छोटे पर्दे को कामकाजी महिलाओं के मनोरंजन का माध्यम माना जाता था. इसी दशक में एकता कपूर बतौर निर्माता 'हम पांच ' जैसा हास्य धारावाहिक लेकर आई. इस सीरियल की सफलता ने एक बड़े दर्शक वर्ग को छोटे पर्दे से जोड़ दिया.
छोटे पर्दे को ऊंचाई पर पहुंचाया
एकता कपूर कहती हैं, "जब वो सीरियल निर्माण के क्षेत्र में उतरी तो उन्हें अपने कॉन्सेप्ट को लेकर काफी मशक्कत करनी पडी. उस समय टीवी का एक चेहरा हुआ करता था.
दर्शक ऐतिहासिक या फतांसी से जुड़े धारावाहिकों के ही आदि थे. इस माहौल में 'हम पांच' की कल्पना एक रिस्क ही थी, लेकिन 'जी टीवी ' ने इस रिस्क को स्वीकार किया, बाकी तो एक कहानी ही है.
'हम पांच' के बाद एकता ने 'क्योंकि सास भी कभी बहु थी', 'कहानी घर घर की', 'कसौटी जिंदगी की' से लेकर मौजूदा लोकप्रिय धारावाहिक 'नागिन' तक कई ऐसे सफल धारावाहिकों का निर्माण किया, जिसने छोटे पर्दे को सीमित कलेवर के बावजूद बड़े परदे के समकक्ष ला खड़ा कर दिया.
बॉलीवुड और एकता की कामयाबी का सूत्र
छोटे परदे पर झंडे गाड़ने के बाद साल 2001 में एकता कपूर ने बॉलीवुड का रुख किया. सबसे पहले उन्होंने गोविंदा के साथ 'क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता' जैसी कॉमेडी फिल्म बनाई, ये प्रयोग असफल रहा.
उन्होंने 'कृष्णा कॉटेज' जैसी थ्रिलर फिल्म के जरिए अपना स्टाइल बदला. ये भी कामयाब नहीं रहा. इन दो नाकामयाबी के बाद एकता कपूर ने अपने पुराने रेपुटेशन को झटकते हुए एक नया प्रयोग किया और 'क्या कूल हैं हम' जैसी सेक्स कॉमेडी के जरिए अपनी ही इमेज को बदल डाला.
एकता कपूर की इस फिल्म की कामयाबी ने बॉलीवुड में एक नई शुरुआत की. खुद एकता इस फिल्म के सीक्वल के अलावा 'रागिनी एमएमएस', 'लव सेक्स और धोखा' जैसी फिल्मों के जरिए अपने इस फॉर्मूले को भुनाती रही.
किंग मेकर एकता कपूर
एकता कपूर को एक्टिंग के कई ऑफर मिले, लेकिन उन्होंने अपने धारावाहिकों में छोटे-मोटे रोल्स के अलावा बड़ा ऑफर कभी स्वीकार नहीं किया. एकता को किंग बनने से ज्यादा किंग बनाने में यकीन रहा है.
उन्होंने इंडस्ट्री को विद्या बालन (हम पांच), साक्षी तंवर, प्राची देसाई, अनिता हसनंदानी, रोनित रॉय, सुशांत सिंह राजपूत (किस देश में है मेरा दिल) और राजीव खंडेलवाल (क्या हादसा क्या हकीकत) जैसे कई तोहफे दिए. आज भी ये एक्टर्स अपने करियर की सफलता में एकता कपूर का बड़ा योगदान मानते हैं.
कंट्रोवर्सी क्वीन
एकता कपूर का निजी व्यक्तित्व दो विरोधाभासी चेहरों का संगम है. बाहरी तौर पर वो काफी धर्मनिष्ठ, आस्तिक और धार्मिक दिखती हैं. लेकिन निजी तौर पर वो कई बार अपने कपड़ों और व्यवहार के कारण सुर्खियों में आ चुकी हैं. अपने प्रोडक्शन हॉउस में काम करने वाले लोगों के साथ उनका विवाद भी कई बार सामने आ चुका है.
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