‘मेरे लिए बिग बॉस का सबसे खुशनुमा मौका वो था, जब सलमान और शाहरुख़ दोनों ने मिलकर मुझे घर का शाहरुख़ खान बना दिया’. हाल ही में बिग बॉस के घर से एविक्ट हुए रोहन मेहरा के लिए ये और कुछ इक्का-दुक्का यादें हैं, जिन्हें वो मुस्कुराहट के साथ याद करेंगे. वर्ना उनके हिसाब से बिग बॉस के घर में वो किसी कैदी सा महसूस कर रहे थे.
रोहन का कहना है, ‘बिग बॉस के घर में टॉर्चर कहो या ये कहो कि आप एक तरह के डिप्रेशन में थे तो कोई गलत बात नहीं होगी. कई बार नींद नहीं आती थी. कई बार किसी से बात ना करने का मन करता था. जो दो-तीन दोस्त बन गए थे बस उन्हीं से बात कर लो.
वो साफ करते हैं, ‘टॉर्चर क्या बस लो फील होता था. सारा टाइम लाइट बंद रहती थी, हम फंस गए थे अंदर. ऐसे लोगों को नजरअंदाज भी नहीं कर पा रहे थे जो बुरी चीजें बोल रहे हैं या पीठ पीछे बातें कर रहे हैं. समझ ही नहीं रहे हैं कि क्या हो रहा है.
रोहन याद करते हुए बताते हैं, ‘मैं टास्क कर रहा था तो उन्हें मेरी टास्क समझ में नहीं आती थी. एक बात तो मैं और बोलूंगा कि जब वो लोग (इंडियावाले) टास्क की चिट्ठी पढ़ते थे तो वो पूरी बातें बताते ही नहीं थे जो होती थीं टास्क में, वो कई छोटी बड़ीं बातें हमको बताते ही नहीं थे.’
रोहन का कहना है कि ‘बिग बॉस में कॉमनर्स को बहुत फेवर या सपोर्ट किया जाता था वो दिख भी ज्यादा रहे थे और उन्हें दिखाया भी जा रहा था टीवी पर. शायद हम सेलेब ऐसी बातें नहीं कर रहे थे जो वो लोग कर रहे थे. हमसे ऐसी बातें हो भी नहीं रही थी. शायद बाहर लोगों को ऐसी ही बातें पसंद आ रही होंगी चुगलियों वाली. जो बातें मनु, मनवीर कर रहे थे या ओम और प्रियंका कर रहे थे.’
आपको स्वामी ओम को धक्का मारने की वजह से पूरे सीजन के लिए नॉमिनेट कर दिया गया?
हां, मुझे इस बात का बहुत बुरा लगा कि जब एक बार मनवीर ने बाबा का गला पकड़ा तो उसे कुछ नहीं किया गया जबकि मुझे पूरे सीजन के लिए नॉमिनेट कर दिया गया. मेरे बारे में जो लोग अच्छा बोल रहे थे उनका पार्ट नहीं दिखाया गया. मुझे डाएंड्रा और मंदीरा दोनों ने बताया था कि उन लोगों ने मेरे बारे में बहुत अच्छी बातें की है लेकिन वो सब कुछ काट दिया गया. सब बुरी चीजें दिखा रहे थे.
तो क्या आपको लगता है कि आपका क्लासी दिखना या पेश आना आपके लिए थोड़ा गलत हो गया?
नहीं, ऐसा नहीं है बाहर तो सभी लोग इसके बारे में अच्छा बोल रहे हैं. हां, घर के अंदर शायद काम नही आया. वो लोग जो बोल रहे थे हम नहीं बोल सकते थे. हम चुप हो जाते थे. लोग कहने लगे कि हम बोरिंग हो गए. शायद शो में लाए ही ऐसे लोग गए थे जो ऐसी हरकतें कर सकें. कई बार इंडियावालों को वोटिंग करके वापस लाया जा रहा था, शायद फॉर्मेट ही ऐसा था.
और फिर फेवरेटिज्म तो है. अब देखिये अचानक से बानी को अच्छा दिखाया जा रहा है. सभी आकर कह रहे हैं कि बानी ने कभी पीठ पीछे कुछ नहीं कहा है. पार्सल टास्क में भी मोना को मनु का पार्सल दे देते थे क्योंकि मोना कभी भी मनु को नॉमिनेट नहीं होने देगी या बानी के पास लोपा का पार्सल दे देते थे और बानी तो कभी लोपा का साथ नहीं देगी.
आपकी और लोपा की दोस्ती के बारे में क्या कहेंगे?
मेरे और लोपा की दोस्ती में बहुत सारी लड़ाइयां थी लेकिन हम बहुत देर तक लड़कर नहीं रह पाते थे. मैं रूठ जाता था तो वो मना लेती थी और कभी मैं उसे मना लेता था. जब मैं घर के बाहर आया हूं तो मैंने टीवी पर देखा है लोपा बहुत दुखी थी. कन्फेशन रूम में तो बहुत-कुछ बोला होगा उसने, जो दिखाया नहीं गया है.
आपने तो एक बार शो छोड़ने की बात कही थी.
हां, मैं स्वामी ओम पर जब गुस्सा हुआ था और मुझे सारे सीजन के लिए नॉमिनेट किया गया था तो मेरा मन हो गया था कि शो छोड़ दूं. बीच में शो छोड़ने के लिए कुछ हर्जाना देना पड़ता लेकिन अब लगता है कि मैं उसी समय छोड़ देता शो तो अच्छा होता. मेरा दिमाग इतना खराब हो गया था ना कि इग्लू टास्क में मैं दो दिन तक खड़ा रहा था. फिर फ्लावर बेड बनाया था और मुझे लगा था कि मैं कुछ ना भी करूं तो स्वामी ओम फूलों को उठा ही लेगा.
अब इस पड़ाव पर कौन जीतेगा? आपका दिल क्या कहता है और दिमाग क्या कहता है?
दिल तो कहता है कि लोपा जीते लेकिन दिमाग कहता है कि मनवीर और बानी में से कोई जीतेगा.
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