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पीरियड्स: क्या 'उन दिनों' में नहाने से बांझपन आता है

पीरियड्स को लेकर भारत ही नहीं दुनिया भर के देशों में तमाम गलत धारणाएं फैली हुई हैं

Updated On: Feb 04, 2018 04:19 PM IST

FP Staff

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पीरियड्स: क्या 'उन दिनों' में नहाने से बांझपन आता है

अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन रिलीज़ होनेवाली है. फिल्म का विषय महिलाओं के मासिक धर्म और सैनिटरी नैप्किन से जुड़ा है. फिल्म काफी सस्ता सैनिटरी पैड बनाने वाले अरुणआचलम् मुर्गनाथम् की कहानी से प्रेरित है. इससे पहले इस विषय पर फिल्म फुल्लू भी आ चुकी है. फिल्म के प्रमोशन के दौरान कई सितारे पीरियड्स से जुड़े अनुभव साझा कर रहे हैं.

वैसे पीरियड्स से जुड़े मिथक या गलत धारणाएं दुनिया भर में हैं. इनमें से कुछ तो काफी हास्यास्पद हैं. जैसे कई लोग मानते हैं पीरियड्स के दौरान महिलाओं पर भालू हमला कर देते हैं. नजर डालते हैं ऐसी ही कुछ गलत धारणाओं पर

पीरियड से शार्क हमला कर देती है

shark attack on women

दुनिया के कई देशों में मान्यता है कि पीरियड्स के दौरान अगर औरतें समुद्र में जाती हैं, तो शार्क उनपर हमला कर देती है. इस बात का न कोई सबूत है, इसके पक्ष में कोई डेटा है.

खाना खराब हो जाता है

ये मिथक सबसे ज्यादा भारत में फैला हुआ है. बड़ी तादाद में महिलाएं खुद मानती हैं कि पीरियड्स के दौरान खाना बनाने या छूने से खाना (खासतौर पर अचार वगैरह) खराब हो जाता है.

नहाने से बांझपन आता है

sanitary napkin

ये गलत धारणा अफगानिस्तान से आई है. जहां माना जाता है कि इस समय अगर महिलाएं नहाती हैं, सर पर पानी डालती हैं तो उनकी प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है.

पीरियड्स दौड़ भाग करने की क्षमता घटाते हैं

ये मिथ काफी विवादास्पद है. विज्ञान कहता है कि सिर्फ 20 प्रतिशत महिलाओं के पीरियड्स में दर्द और क्रैंप्स वगैरह की शिकायत होती है. कई देशों में पीरियड्स के लिए सिक लीव मिलती है.

महिलाएं सुशी नहीं बना सकतीं

sushi japan

जापान में महिलाओं को 'उन दिनों' में सुशी नहीं बनाने दी जाती है. कई शेफ मानते हैं कि ऐसे समय में टेस्ट करने की क्षमता गड़बड़ा जाती है. इसलिए महिला शेफ सुशी नहीं बना सकती हैं. इसके अलावा शेफ ये भी मानते हैं कि महिलाएं अपने छोटे हाथों के कारण सुशी नहीं बना सकती हैं.

ये एक बीमारी है

यूनिसेफ के मुताबिक ईरान में पीरियड्स को एक बीमारी माना जाता है. भारत में भी ऐसा मानने वाले कई हैं. इसके चलते बहुत सी महिलाएं पुरुषों को छूने से बचती हैं.

सेनेटरी नैप्किन से कैंसर फैलता है

sanitary napkin (2)

बोलीविया में मानते हैं कि इस्तेमाल किया हुआ नैप्किन अगर पुरुष देख लें तो उनको कैंसर हो सकता है. इसको लेकर सख्त हिदायतें दी गई हैं. स्कूल जाने वाली छात्राएं अक्सर यूज़्ड पैड को अपने बैग में रखकर घर ले जाती हैं क्योंकि उन्हें स्कूल के डस्टबिन में रखने की इजाज़त नहीं होती.

इनके अलावा मंदिर वगैरह में न घुसने देने जैसे कई परंपरागत मिथक हैं जो चले आ रहे हैं.

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