उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी (पीएसपी) से जुड़े मामलों से निपटने के लिए एक कमिटी बनाने का फैसला किया है.
ग्रेटर नोएडा ऑथोरिटी के चेयरमैन राहुल भटनागर की अध्यक्षता वाली इस कमिटी में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे ऑथोरिटीज के सीईओ भी सदस्य होंगे.
दरअसल नोएडा ऑथोरिटी ने पिछले महीने पीएसपी से जुड़े बिल्डरों के आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख बढ़ा दिया था. यह तारीख पहले 15 जून थी.
ग्रेटर नोएडा ऑथोरिटी के सीईओ ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि 14 अगस्त के इस आदेश के मुताबिक यह कमिटी पीएसपी से जुड़े मसलों की जांच करेगा. इनमें पॉलिसी डेट बढ़ाने, पॉलिसी में बदलाव लाने जैसे मसले शामिल हैं.
उन्होंने कहा, 'अपफ्रंट पेमेंट प्लान (निर्माण से पहले ज्यादातर पेमेंट) घटाने, को-डेवलपर्स का वित्तीय प्लान, पार्ट लैंड सरेंडर (जमीन का कुछ हिस्सा सरेंडर करना) डील में जब्ती जैसे मामले इस कमिटी द्वारा देखे जाएंगे.
हजारों खरीददारों को घर दिलाने को लिया गया था फैसला
यूपी सरकार ने पिछले साल दिसंबर में पीएसपी को मंजूरी दी थी. इसका मकसद उन मसलों का समाधान करना था जिनका सामना बिल्डरों और खरीददारों कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि हजारों लोगों को घर नहीं मिले हैं जिसके लिए यह कदम उठाया गया है.
इसके अलावा सरकार यह भी चाहती है कि अथॉरिटीज को लगभग 30,000 हजार रुपए के उनके लैंड ड्यूज मिल जाएं.
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