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बजट 2018-19: आपकी जेब खुश होगी या अर्थव्यवस्था!

कुछ जानकारों का कहना है कि सरकार पॉपुलिस्ट बजट लाने के बजाय अर्थव्यवस्था पर फोकस करेगी

Updated On: Jan 31, 2018 10:05 PM IST

Pratima Sharma Pratima Sharma
सीनियर न्यूज एडिटर, फ़र्स्टपोस्ट हिंदी

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बजट 2018-19: आपकी जेब खुश होगी या अर्थव्यवस्था!

बजट का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे यह बहस बढ़ती जा रही है कि इस बार बजट लोकलुभावन होगा या आर्थिक ग्रोथ पर फोकस किया जाएगा. रेटिंग एजेंसी इकरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार फिस्कल डेफेसिट के टारगेट को रिलैक्स करेगी.

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इससे उलट नीति आयोग के वीसी राजीव कुमार ने ट्वीट करके कहा है कि यह एफएम और पीएम के ऊपर है कि वे सुझावों पर अमल करते हैं या नहीं. लेकिन अगर किसी को यह लगता है कि यह 2019 से पहले आखिरी पूर्ण बजट है तो वे पॉपुलिस्ट बजट पेश करेंगे ऐसा नहीं होगा. इस बजट का फोकस आम आदमी और इकनॉमी को बढ़ावा देना होगा.

वैल्यू रिसर्च ऑनलाइन के सीईओ और म्यूचुअल फंड के जाने माने नाम धीरेंद्र कुमार का भी यही कहना है कि सरकार का फोकस इकनॉमी बढ़ाने पर होगा. कुमार ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि सरकार कोई पॉपुलिस्ट बजट लाने वाली है. सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे कई अहम और सख्त फैसले लिए हैं. सरकार का जोर इकनॉमी की मजबूती पर है. लिहाजा फिलहाल इस बात के चांस कम हैं कि सरकार लोगों को खुश करने वाला बजट लाएगी.'

क्या कहना है इकरा का?

घरेलू रेटिंग एजेंसी कंपनी इकरा का कहना है कि किसानों को खुश करने के लिए सरकार फिस्कल डेफेसिट की अनदेखी कर सकती है. इकरा के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्यूटिव नरेश ठक्कर ने कहा, 'इस साल बजट में सरकार फिस्कल डेफेसिट का टारगेट कम रख सकती है.'

उन्होंने कहा, 'गुजरात काफी मुश्किल था. पीएम और बीजेपी का गुजरात में जिस तरह की पकड़ है उस तरह के नतीजे नहीं आए हैं.' उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास 18 महीने हैं. लिहाजा सरकार को अपनी प्राथमिकताएं फिर से तय करनी चाहिए. सरकार ने इकनॉमी और रिफॉर्म्स का वादा किया है. इसके लिए उन्हें अपनी प्राथमिकताओं को फिर से तय करना होगा.

ठक्कर ने कहा, 'सरकार का फोकस ग्रामीण इलाकों और छोटे कारोबारों पर रहेगा.' गुजरात के नतीजे और आने वाले चुनाव नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे.

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