केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों की आय को दोगुना बनाने के लक्ष्य पर चल रही है. बजट में कृषि और खेती-किसानी पर फोकस किया गया है. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कृष्णा राज से फ़र्स्टपोस्ट से खास बातचीत में बताया कि सरकार के पास इसके लिए रोडमैप क्या है...
फ़र्स्टपोस्ट- साल 2018-19 के आम बजट में किसानों के लिए जो अतिरिक्त प्रावधान किए गए हैं, उससे क्या लगता है कि कृषि जीवन यापन के जरिया के बदले एक लाभकारी गतिविधि के रूप में उभर पाएगी?
कृष्णा राज- नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों के भले को लेकर प्रतिबद्ध है. हमारे घोषणा पत्र में भी किसानों के कल्याण से जुड़े कई वादे किए गए थे. यह सरकार उन वादों को पूरा कर रही है. इस बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कृषि को एक उद्यम के तौर पर विकसित करने की रूपरेखा पेश की है. इसके तहत न सिर्फ कम लागत पर अधिक उत्पादन पर जोर है बल्कि कृषि उत्पादों को बेहतर बाजार मिले इसके लिए ग्रामीण कृषि बाजार और गांवों को सड़कों के एक सुदृढ़ नेटवर्क से जोड़ने की बात भी की गई है. हमने फिर से यह बात दोहराई कि हम 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे. ये सारे कदम सम्मलित रूप से कृषि को एक लाभकारी कार्य बना पाएंगे.
फ़र्स्टपोस्ट- किसानों की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है. इस आम बजट में लागत के मुकाबले 1.5 गुना समर्थन मूल्य देने की बात कही गई है. साथ ही 11 लाख करोड़ रुपए किसानों को कर्ज के रूप में देने की बात कही गई है. इससे किसानों के जीवन स्तर में कितना सुधार होता आपको दिख रहा है?
कृष्णा राज- प्रधानमंत्री हमेशा यह कहते हैं कि हमें समस्याओं के मूल में जाकर उनका समाधान करना है. सरकार की कोशिशों को अगर आप ध्यान से देखेंगे तो ये समस्याओं के जड़ में जाकर उनका समाधान करती हुई दिखती हैं. अगर किसानों को उनकी लागत के मुकाबले डेढ़ गुना समर्थन मूल्य मिलता है तो इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी. इसके साथ अगर किसानों को बैंकों से कर्ज मिल पाता है तो वे साहूकारों से अधिक ब्याज दर पर कर्ज लेने से बचेंगे. इससे भी उनके पैसे बचेंगे. इसलिए मेरा मानना है कि जिन दो कदमों का जिक्र आपने किया है, वे दोनों किसानों के जीवन स्तर को सुधारने में सहायक साबित होंगे.
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फ़र्स्टपोस्ट- इस बजट में कृषि सिंचाई योजना पर सिर्फ 2600 करोड़ रुपए दिए गए हैं. क्या आपको लगता है कि भारत जैसे देशों में जहां पर मॉनसून पर किसान निर्भर रहते हैं और इतने बड़े भू-भाग पर यह पैसा कितना काम करेगा?
कृष्णा राज- कृषि सिंचाई के विस्तार के साथ-साथ भारत सरकार सिंचाई की कुशलता बढ़ाने पर भी काम कर रही है. हमने सूक्ष्म सिंचाई की कई योजनाएं शुरू की हैं. हमारी सरकार ने सिंचाई के क्षेत्र में यह मंत्र दिया है कि ड्रॉप, मोर क्रॉप. हम हर खेत तक पानी पहुंचाना चाहते हैं. क्योंकि किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए सिंचाई का नेटवर्क मजबूत और कुशल बनाना बेहद जरूरी है. कृषि सिंचाई के मोर्चे पर सरकार के सभी प्रयासों को अगर समग्रता के साथ आप देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि इसके लिए सरकार का आर्थिक प्रावधान कम नहीं है.
फ़र्स्टपोस्ट- इस बजट में माइक्रो और सीमांत किसानों के लिए बाजार विकसित करने की बात कही गई है. साथ ही कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए 100 अरब डॉलर पहुंचने का लक्ष्य भी रखा गया है. मछली और पशुपालन पर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की बात कही गई है. इन योजनाओं को सतह पर आने में कितना वक्त लगेगा?
कृष्णा राज- देखिए, ये सभी योजनाएं 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने की कोशिशों का हिस्सा हैं. प्रधानमंत्री मोदी की यह कार्यशैली है कि वे जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं. इसलिए आप इस बात को लेकर निश्चिंत रहिए कि ये सभी योजनाएं बहुत जल्दी सतह पर आपको दिखेंगी. अगर हम कृषि उत्पादों का निर्यात 100 अरब डॉलर तक पहुंचाते हैं तो आप यकीन कीजिए कि इससे किसानों के जीवन स्तर में काफी सुधार होगा.
फ़र्स्टपोस्ट- इस बजट में 42 मेगा फूड पार्क बनाए जाने का ऐलान किया गया है. आप बता सकती हैं कि 42 मेगा फूड पार्क मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों के बेरोजगार युवकों को आर्थिक स्थिति सुधारने में निर्णायक कदम साबित होने वाले हैं?
कृष्णा राज- इस बजट में खाद्य प्रसंस्करण का आवंटन दोगुना करने की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की है. आपने अपने पिछले सवाल में कृषि उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी की बात की थी. दरअसल, मेगा फूड पार्क, कृषि उत्पादों का निर्यात और खाद्य प्रसंस्करण आपस में जुड़े हुए हैं. इससे न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ेगी बल्कि इससे बड़ी संख्या में नौजवानों को खाद्य प्रसंस्करण और निर्यात से जुड़े विभिन्न गतिविधियों में रोजगार भी मिलेगा. आपने जिन राज्यों का जिक्र किया है, वहां के युवाओं को भी इसका लाभ मिलना तय है.
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फ़र्स्टपोस्ट- कई कृषि विशेषज्ञों को यह लगता है कि आपकी सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने में कामयाब नहीं हो पाएगी. इसके लिए वे कृषि विकास दर के कम होने को प्रमुख वजह बताते हैं. आपको क्या लगता है?
कृष्णा राज- मुझे पूरा यकीन है कि भारत सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब होगी. मैं यह बात इसलिए कह रही हूं, क्योंकि उस दिशा में हम लोग लगातार काम कर रहे हैं. इस बजट में ही इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई घोषणाएं की गई हैं. अगर कृषि एक उद्यम के तौर पर विकसित होता है, अगर किसानों को लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य मिलता है, अगर कृषि निर्यात को बढ़ावा दिया जाता है, अगर खाद्य प्रसंस्करण का ढांचा मजबूत होता है, अगर किसानों के उत्पाद को बेहतर बाजार मिलता है तो एकदम पक्का भरोसा रखिए कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होगी.
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