सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को रियल इस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) की वैधता को चुनौती देने वाली अलग-अलग हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित किए जाने की याचिका पर सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका केंद्र सरकार ने डाली है. सरकार ने इस मामले को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली जस्टिस अमिताभ राय और जस्टिस एएम खानविलकर की बेंच के आगे उठाया.
Centre sought before Supreme Court today that all cases pending in various courts against RERA be transferred to Delhi High Court.
— ANI (@ANI) August 30, 2017
केंद्र ने कहा कि इस एक्ट को चुनौती देने वाली 21 याचिकाएं देशभर के अलग अलग हाईकोर्ट में लंबित हैं जिन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया जाना चाहिए.
बेंच केंद्र की याचिका पर सुनवाई करने को राजी हो गया है और सुनवाई की तारीख चार सितंबर तय की है. रेरा संसद से पारित होने के एक साल बाद एक मई, 2017 को लागू किया गया था.
रेरा के तहत रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
एक्ट के मुताबिक, डेवलपरों, प्रोजेक्ट और एजेंटों को 31 जुलाई तक अपनी परियोजनाओं का रियल इस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है. रजिस्टर नहीं करवाई गई किसी भी परियोजना को रेरा द्वारा अमान्य माना जाएगा.
रेरा के तहत हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का अपना रेगुलेटरी ऑथोरिटी (आरए) होगा जो इस एक्ट के मुताबिक नियम बनाएगा. नई शुरू हुई परियोजनाएं और जारी परियोजनाएं जिनका कंप्लीशन या ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट हासिल नहीं किया गया है, वे सभी रेरा के अंतर्गत आएंगी.
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