केंद्र सरकार रेलवे की फ्लेक्सी-फेयर योजना में बदलाव करने पर विचार कर रही है. इस योजना का सीधा फायदा यात्रियों को होगा. योजना में बदलाव के जरिए राजधानी और दुरंतो ट्रेनों में सफर करने वालों की जेब पर कम भार डालने की कोशिश होगी.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि रेलवे की फ्लेक्सी फेयर योजना में बदलाव किया जा सकता है. सरकार की कोशिश है कि यात्रियों पर टैक्स का बोझ लादे बगैर रेलवे को फायदा मिले. एक साल से भी कम समय में फ्लेक्सी फेयर के जरिए रेलवे को अतिरिक्त 540 करोड़ रुपए की कमाई हुई है.
पीटीआई के मुताबिक गोयल ने कहा, 'लोगों ने मुझे फ्लेक्सी फेयर योजना से होने वाली परेशानी के बारे में बताया. हमारी कोशिश है कि इससे लोगों की जेब पर बोझ नहीं पड़े और राजस्व के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सके.'
यह पूछने पर कि क्या योजना में कोई बदलाव होगा तो गोयल ने कहा, 'कुछ बदलाव करने की संभावना है.' पिछले साल सितंबर में शुरू की गई योजना राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों के लिए लागू की गई थी,
आंकड़ों के मुताबिक रेलवे को सितंबर 2016 से जून 2017 के बीच इस योजना के माध्यम से अतिरिक्त 540 करोड़ रुपए की आमदनी हुई.
क्या है और कैसे काम करता है फ्लेक्सी फेयर?
फ्लेक्सी फेयर राजधानी, दुरंतो और शताब्दी में टिकट बुकिंग पर लगाया जाता है. इस फेयर सिस्टम में जैसे-जैसे ट्रेनों में सीटें भरती हैं, उसके किराए में उतनी ज्यादा बढ़ोतरी होती जाती है. शुरुआती दस फीसदी सीट सामान्य किराए पर बुक की जाती थी और इसके बाद हर दस फीसदी सीट को दस फीसदी बढ़ोतरी के साथ बुक किया जाता था. इसमें अधिकतम 50 फीसदी की वृद्धि की जा सकती है.
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